शनि की साढ़ेसाती और गोचर (Shani ki Sadesati and Saturn Transit)
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- On March 8, 2020
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शनि की साढ़ेसाती और गोचर (Shani ki Sadesati and Saturn Transit)
हमारा विषय है : शनि की साढ़ेसाती और गोचर (Shani ki Sadesati and Saturn Transit) इसका विस्तार से विश्लेषण करें तो शनि(Shani) न्याय का देवता है । लेकिन लोगों को शनि(Shani) का भय दिखाकर ठगा जाता है क्योंकि सदियों से लोगों के दिलों में शनि(Shani) का भय गहरे तक बैठ चुका है । जब भी किसी को दुःख कष्ट घेरते हैं वह व्यक्ति किसी न किसी ज्योतिषी(Astrology) या भविष्यवक्ता के पास जाता है और ज्योतिषी(Astrology) भी परेशानियों का कारण शनि(Shani) को ही बताते हैं ।
शनि(Shani) का भय कितने गहरे तक पैठ बना चुका है इसका अनुमान आप शनिवार के दिन सड़कों और चौराहों पर जगह जगह शनिदेव की तरह तरह से बनी आकृतियों से लगा सकते हैं। शनि(Shani) को एक क्रूर ग्रह(Grah) माना जाता है ।
वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) में बारह खाने होते हैं जिन्हे घर या भाव भी कहा जाता है । शनि(Shani) को तीन खानों (घरों या भावों ) में ही शुभ फल देने वाला माना गया है और वो है तीसरा, छठा और ग्यारहवां । शनि(Shani) जब राशि(Rashi) (जन्मसमय में चन्द्रमा जिस घर में हो ) से बारहवें , पहले तथा दुसरे स्थान पर आता है उसी समय को शनि(Shani) की साढ़ेसाती(Sadesati) कहा जाता है । शनि(Shani) प्रत्येक राशि(Rashi) में अढ़ाई साल रहता है मतलब साढ़े सात साल - मतलब साढ़ेसाती(Sadesati) ।
ज्यादातर लोगों को ज्योतिषी(Astrology) शनि(Shani) को खराब बताकर भयभीत कर देते हैं परन्तु सभी नियमों और अनुभव को मिलाकर विचार किया जाये तो दृश्य कुछ और ही उभरता है ।
शनि की साढ़ेसाती और गोचर (Shani ki Sadesati and Saturn Transit ) का और विस्तार से विश्लेषण करें तो दसवीं और ग्यारहवीं राशियां (मकर और कुम्भ) शनि(Shani) की अपनी राशियां हैं जिसे स्वगृही या अपने घर का कहा जाता है । ग्रहों की आपस में मित्रता और शत्रुता भी होती है , शनि(Shani) की बुध व शुक्र ग्रहों से मित्रता है । कोई भी व्यक्ति अपने घर को नुक्सान नहीं करता चाहे वह कितना की दुष्ट क्यों न हो , अपने मित्र के घर को या जहां उसका मान सम्मान होता हो उस स्थान को बिना कारण के नुक्सान नहीं पहुंचाता यही नियम ग्रहों के फल के विषय में भी है ।
शनि(Shani) जब अपनी राशियों में या उच्च या मित्र राशियों में होता है तो इन् राशि(Rashi) वालों को बहुत की लाभ देने वाला और शुभ फलदायक होता है । इससे आपको पता चला होगा की किसी भी व्यक्ति की साढ़े सात साल अशुभ नहीं होते जैसी की धारणा बनी हुई है । चूँकि शनि(Shani) न्याय का देवता है इसलिए अपने जीवन में ईमानदार और सच्चे रहिये , अच्छा आचरण रखें , मांसाहार और शराब से दूरी बनायें शनि(Shani) आपका साथ देगा ।