धन योग – क्या आपकी कुंडली में है ? (Kundli Me Dhan Yog) ( भाग-3 )

धन योग - क्या आपकी कुंडली में है ? (Kundli Me Dhan Yog) (भाग-3)

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) में धन योग(Dhan Yog) और संपत्ति के लिए में दूसरा घर सबसे इम्पोर्टेन्ट होता है| यदि दूसरे घर में शुभ ग्रह(Grah) (बुध,शुक्र,बृहस्पति) बैठे हों या शुभ ग्रहों से देखा जाता हो तो भी व्यक्ति को धनवान बना देता है । आज आपको बताएँगे दूसरे घर से बनने वाले अन्य धन योग(Dhan Yog) कौन कौन से हो सकते हैं| क्योंकि दूसरे घर(Second House) को धन(Dhan) भाव भी कहा जाता है |धन(Dhan) भाव के मालिक ग्रह(Grah) को धनेश भी कहा जाता है| कुंडली(Kundli) में धनेश किस घर में बैठा है और उसका क्या फल है आइये जानते हैं ।

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) में धनेश अगर पहले घर में बैठा हो तो व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाता है| मेहनती होता है और अपने प्रयासों से सफलता प्राप्त करता है । वंही दूसरे घर(Second House) में बैठा धनेश व्यक्ति को करोड़पति बना देता है बहुत कम प्रयासों से सफलता मिल जाती है । तीसरे घर में बैठा धनेश व्यापार के माध्यम से काफी धन(Dhan) दिलाता है| वंही चौथे घर में बैठा धनेश पैतृक संपत्ति से धन(Dhan) दिला देता है । धनेश अगर पांचवें घर(Fifth House) में बैठ जाये तो निश्चित ही बहुत अमीर बना देगा , अपने इंटेल्लेक्ट से धन(Dhan) कमाता है। कुंडली(Kundli) में धन योग(Dhan Yog) के लिए दूसरा घर बहुत महत्वपूर्ण है|

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) के छठे घर में बैठा धनेश अच्छी नौकरी व कम्पटीशन के माध्यम से धन(Dhan) दिलाता है । सातवें घर में बैठा धनेश विवाह के बाद धनी बना देता है , विदेशों से धन(Dhan) मिलता है| वंही आठवें घर में बैठा धनेश टैक्स चोरी से पैसा बनाता है| कुंडली(Kundli) में अगर दूसरा घर मजबूत हो तो पैतृक संपत्ति भी दिलाता है । नवें घर(Ninth House) में बैठा धनेश व्यक्ति को भाग्यशाली बना देता है करोड़पति होगा | दसवें घर में बैठकर धनेश पैतृक संपत्ति में वृद्धि करता है अपने प्रोफेशन से बहुत धन कमाता है| ग्यारहवें घर(Eleventh House) में बैठा धनेश अथाह धन दिलाता है| वंही बारहवें घर में बैठा धनेश आय से खर्च ज्यादा कराता है ।

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) में ये सिर्फ धनेश की अलग अलग घरों या भावों में बैठने के परिणाम हो सकते हैं| क्योंकि सिर्फ धनेश की स्थिति से ही सब कुछ निर्णय नहीं लिया जा सकता| उस पर किस ग्रह(Grah) की दृष्टि है केंद्र,त्रिकोण कैसे हैं ? खासकर दसवें और ग्यारहवें घरों(Eleventh House) की क्या स्थिति है ? बाकी शुभ ग्रह(Grah) कँहा बैठे हैं| आदि अनेक ऐसे कारक हैं जिससे परिणामों में भिन्नता आ सकती है । इसके अलावा नवमांश कुंडली(Kundli) में धन योग(Dhan Yog) का अध्ययन किये बिना आखिरी परिणाम नहीं बताया जा सकता । कुंडली(Kundli) में और धनयोगों की चर्चा करेंगे इंतजार कीजिये अगली पोस्ट का ।

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