बृहस्पति छठे घर में (Jupiter in Sixth House)

बृहस्पति छठे घर में (Jupiter in Sixth House)

वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में बृहस्पति छठे घर में(Jupiter in Sixth House) बैठा हो तो उसके क्या रिजल्ट्स हो सकते हैं। लेकिन पहले कुछ बातें छठे घर और बृहस्पति ग्रह से सम्बंधित जान लेना जरुरी है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में छठे घर से क़र्ज़, दुश्मन, रोग,लड़ाई-झगड़ा , अपमान ,पाप, दुष्ट कर्म, मामा , नौकरी, नाभि का विचार करें | इसके अलावा रोजमर्रा के काम और सहकर्मियों के साथ सम्बन्ध का विचार भी छठे घर से किया जाता है। इसे त्रिक स्थान भी कहा जाता है | वहीं गुरु बृहस्पति से ज्योतिष, पति सुख, खजाना, धर्मशास्त्र, धन, ज्ञान ,आचार्य, अच्छा आचरण का विचार किया जाता है इसके अलावा यज्ञ,बड़ा भाई, राज्य से मान सम्मान,तपस्या, आध्यात्मिकता, श्रद्धा और विद्या इत्यादि का विचार भी बृहस्पति से किया जाता है | ये धनु और मीन राशियों का स्वामी होता है। बृहस्पति को कर्क राशि में उच्च तथा मकर राशि में नीच माना गया है |

गुरु बृहस्पति को सेनापति भी कहा जाता है ,ये एक राशि में लगभग 13 महीने रहता है | बृहस्पति आकाश तत्व और ईशान दिशा का स्वामी है | मोटापा , चर्बी , पेट और पाचन क्रिया पर इसका अधिपत्य है | गुरु कफकारक है | बुध और बृहस्पति दोनों ग्रहों से बुद्धि देखी जाती है फर्क इतना है बुध से किसी बात को जल्दी समझ लेना होता है जबकि बृहस्पति से विचार और चिंतन देखा जाता है |

कुंडली में बृहस्पति छठे घर में(Jupiter in Sixth House) अगर बलवान होकर बैठे हों तो व्यक्ति को शत्रुओं पर विजय दिलाता है। लेकिन स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। बृहस्पति छठे घर में बलवान होकर बैठा हो तो नौकरी में बहुत फायदा मिलता है। सहकर्मियों से सहयोग मिलता है। अक्सर अनुभव में आया है कि ऐसे व्यक्ति सरकारी नौकरी में हो सकते हैं। कारोबार में विदेशों से धन मिल सकता है या नौकरी विदेश में हो सकती है। दूसरे ग्रहों का साथ मिल रहा हो तो मित्रों से भी लाभ हो सकता है। अक्सर ऐसे लोग धनवान हो जाते हैं।लेकिन ये स्थिति कर्ज लेने के हिसाब से ठीक नहीं मानी जा सकती। कुटुंब या परिवार से सहयोग मिलता है। ऐसे लोगों को गूढ़ विषयों और ज्योतिष में रूचि हो सकती है। ऐसे लोग काफी एनालिटिकल हो सकते हैं, इसलिए कई बार लोगों का ये परसेप्शन बन सकता है कि ये आदमी निर्णय लेने में बहुत देर लगाता है। आपको सलाह दी जाती है कि अपने अधिकारों का दुरूपयोग करने से बचें।

कुंडली में बृहस्पति छठे घर में(Jupiter in Sixth House) अगर कमजोर अवस्था में बैठे हों और उसके नकारात्मक परिणामों की बात करें तो व्यक्ति को कर्जदार बना सकता है। स्वास्थ्य थोड़े थोड़े समय के बाद बिगड़ सकता है। खासकर गुरु की महादशा या अंतर्दशा में। शत्रु परेशान कर सकते हैं। सहकर्मियों से वाद विवाद बना रह सकता है। घोर निराशा हो सकती है ,मानसिक तनाव बना रह सकता है। वाणी में कठोरता हो सकती है। आपको कफ या मोटापे की समस्या हो सकती है। लिवर की प्रॉब्लम , डायबिटीज या किसी भी तरह के ट्यूमर से समस्या हो सकती है। इसलिए अपने खान पान पर ध्यान रखना चाहिए और योग व्यायाम का सहारा लेना चाहिए।

कुंडली में बृहस्पति छठे घर में(Jupiter in Sixth House) बैठा हो तो उसका विश्लेषण करने के बाद एक बात और स्पष्ट कर दूँ कि अकेले किसी भी ग्रह के आधार पर कोई निर्णय नहीं करना चाहिए, क्योंकि ग्रह किस राशि में है कितने अंशों पर है,मित्र राशि में है या शत्रु राशि में है,उसके ऊपर किसकी दृष्टि है या किन ग्रहों के साथ युति है आदि और बहुत से ऑस्पेक्ट होते हैं जिनको कुंडली में देखना पड़ता है । बृहस्पति ग्रह के सकारात्मक परिणाम तभी मिलते हैं जब कुंडली में दूसरे ग्रहों का साथ मिल रहा हो। बृहस्पति के नकारात्मक परिणाम भी तभी मिलते हैं जब दूसरे ग्रहों का साथ नहीं मिल रहा हो। बृहस्पति ग्रह से जुडी मानसिक क्रियाओं और उपायों से इसके नेगेटिव इफेक्ट्स को कम किया जा सकता है।

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