बृहस्पति नवें घर में (Jupiter in Ninth House)

बृहस्पति नवें घर में (Jupiter in Ninth House)

हमारा विषय है : वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में बृहस्पति नवें घर में(Jupiter in Ninth House) बैठा हो तो उसके क्या परिणाम हो सकते हैं।अपने सब्जेक्ट पर आगे बढ़ने से पहले कुछ बातें नवें घर और बृहस्पति ग्रह से सम्बंधित जान लेना जरुरी है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली के नवें घर से गुरु, देवता, पिता, भाग्य, उत्तम कर्म , जंघा, ग्रैंडसन का विचार किया जाता है | इसके अलावा धर्म, लम्बी दूरी की यात्राएं और दर्शन ज्ञान या अनौपचारिक शिक्षा के साथ साथ कानून सम्बन्धी बातों का विचार भी इस घर से किया जा सकता है। इसे त्रिकोण और भाग्य भाव भी कहा जाता है | वहीं गुरु बृहस्पति से ज्योतिष, पति सुख, खजाना, धर्मशास्त्र, धन, ज्ञान ,आचार्य, अच्छा आचरण का विचार किया जाता है इसके अलावा यज्ञ,बड़ा भाई, राज्य से मान सम्मान,तपस्या, आध्यात्मिकता, श्रद्धा और विद्या इत्यादि का विचार भी बृहस्पति से किया जाता है |

बृहस्पति आकाश तत्व और ईशान दिशा का स्वामी है | मोटापा , चर्बी , पेट और पाचन क्रिया पर इसका अधिपत्य है | गुरु कफकारक है | बुध और बृहस्पति दोनों ग्रहों से बुद्धि देखी जाती है फर्क इतना है बुध से किसी बात को जल्दी समझ लेना होता है जबकि बृहस्पति से विचार और चिंतन देखा जाता है | गुरु बृहस्पति को सेनापति भी कहा जाता है ,ये एक राशि में लगभग 13 महीने रहता है | ये धनु और मीन राशियों का स्वामी होता है। बृहस्पति को कर्क राशि में उच्च तथा मकर राशि में नीच माना गया है |

कुंडली में अगर बृहस्पति नवें घर में(Jupiter in Ninth House) बलवान होकर बैठा हो तो व्यक्ति को धर्म के क्षेत्र में कानून के क्षेत्र में बहुत बड़ी सफलता दे सकता है। ऐसे व्यक्ति किसी धार्मिक संगठन या किसी धार्मिक संस्था से जुड़े हो सकते हैं या उसके मुखिया हो सकते हैं। ज्ञान के प्रचार प्रसार के लिए लम्बी दूरी की यात्राएं कर सकते हैं। लेकिन ऐसे लोगों को अपने वजन का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि बृहस्पति हर चीज में विस्तार दे सकता है। पहले घर पर दृष्टि होने के चलते ऐसे लोगों में मोटापा आ सकता है। ऐसे लोगों की संतान बहुत सुख देने वाली हो सकती है। अक्सर संतान इतनी सफल हो सकती है कि इनकी खुद कि पहचान संतान के नाम से होने लगती है।बृहस्पति नवें घर में(Jupiter in Ninth House) बलवान होकर बैठा हो तो ऐसे लोगों का समाज में एक अलग ही स्थान होता है। ऐसे लोग अच्छे समाजसेवी हो सकते हैं। इनकी वाणी में एक आकर्षण हो सकता है। अगर दूसरे ग्रहों का साथ मिल रहा हो तो ऐसे लोगों की अपनी कोई बड़ी संस्था हो सकती है चाहे वो शिक्षा से जुड़ी हो,ज्ञान से ,धर्म से या कानून से। आज के दौर में ऐसे लोगों की प्रकाशन से जुड़ी कोई इकाई हो सकती या स्वतंत्र मीडिया इकाई के मालिक हो सकते हैं ।

कुंडली में बृहस्पति नवें घर में(Jupiter in Ninth House) अगर कमजोर अवस्था में बैठे हों और उसके नकारात्मक परिणामों की बात करें तो व्यक्ति कई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से परेशान रह सकता है। दूसरे ग्रहों का साथ नहीं मिल रहा हो तो व्यक्ति निराशावादी बन सकता है। संतान से परेशानी हो सकती है। भाई बहनों से वाद विवाद बना रह सकता है। समाज में कोई स्थान नहीं बन पाता। पुराने चल रहे कारोबार में घाटा होना शुरू हो सकता है। ऐसा व्यक्ति किसी पाखंड में शामिल हो सकता है। ज्ञानी होने का ढोंग कर सकता है। गले या पेट सम्बन्धी बीमारी से परेशान हो सकता है। ग्रह कोई भी हो उसकी शुभता के लिए उसका बलवान होना बहुत जरुरी है वो किस राशि में है , कितने अंश पर है,किस ग्रह के साथ है किन ग्रहों की दृष्टि उस पर पड़ रही है,उसका बल कितना है आदि बहुत सारे ऑस्पेक्ट होते हैं जिनके आधार पर फलादेश किया जा सकता है।

बृहस्पति ग्रह के अच्छे फल तभी मिलते हैं जब कुंडली में दूसरे ग्रहों का साथ मिल रहा हो। बृहस्पति ग्रह के बुरे फल भी तभी मिलते हैं जब दूसरे ग्रहों का साथ नहीं मिल रहा हो। बृहस्पति ग्रह से सम्बंधित मानसिक क्रियाओं और उपायों से इसके नेगेटिव इफेक्ट्स को कम किया जा सकता है।

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