बृहस्पति का गोचर- कन्या राशि पर प्रभाव (Jupiter transit to Capricorn – Impact on Virgo Sign)

बृहस्पति का गोचर- कन्या राशि पर प्रभाव (Jupiter transit to Capricorn - Impact on Virgo Sign)

Jupiter transit to Capricorn - Impact on Virgo Sign (बृहस्पति का गोचर- कन्या राशि पर प्रभाव) का विश्लेषण करें तो वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली में बृहस्पति ग्रह को धनु राशि और मीन राशि का स्वामी माना जाता है। बृहस्पति(Jupiter) को देवताओं का गुरु कहा जाता है। बृहस्पति ग्रह कर्क राशि में उच्च तथा मकर राशि में नीच के माने जाते हैं। बृहस्पति को देवताओं का गुरु कहा जाता है। गोचर में बृहस्पति आपकी राशि से पांचवें घर में रहेंगे, जो कि विद्या का भी घर है। यहां से बृहस्पति आपकी कुंडली के नवें ,ग्यारहवें और पहले घर पर दृष्टि रखेंगे। इसका मतलब आपको सीखने के नए अवसर मिलेंगे आपके अंदर ऊर्जा और उत्साह बना रहेगा। आपके नजरिये को और ज्यादा बड़ा करेगा ज्यादा व्यापक करेगा ,उसे विस्तार मिलेगा। आपके सोशल नेटवर्किंग में भी विस्तार होगा। आप लम्बी यात्रा पर जा सकते हैं। आपके संकल्प में वृद्धि होगी। संतान से सुख मिलेगा। मनोरंजन के साधन बनेंगे या मनोरंजन के साधनों से आय होगी। आपकी आय के नए साधन बन सकते हैं आपकी इच्छाओं और आकांक्षाओं की पूर्ती हो सकती है।आपके लिए ये समय बहुत महत्वपूर्ण है , पीछे चली आ रही रुकावटें दूर होंगी और हर फील्ड में उन्नति होगी नई चीजें सीखने और आगे बढ़ने का समय है । बशर्ते आप सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें ।

बृहस्पति का गोचर- कन्या राशि पर प्रभाव (Jupiter transit to Capricorn - Impact on Virgo Sign) का और गहराई से विश्लेषण करें तो वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) में बृहस्पति ग्रह को विद्या का कारक ग्रह माना गया है| गोचर(Transit) कुंडली में गुरु(Jupiter) देव चन्द्रमा से पांचवें घर में होने के कारण कन्या राशि वाले स्टूडेंट्स के लिए शानदार परिणाम लेकर आएगा| अगर विदेश में जाकर पढ़ने का मन है तो ये सही समय है । नौकरी में तरक्की हो सकती है , नयी योजनाओं पर काम कर सकते हैं। प्रेम संबंधों में सफलता मिल सकती है हालाँकि कुछ पुराने रिश्ते परेशानी में भी डाल सकते हैं। प्रेम संबंधों में सावधानी बरतने की जरुरत है वरना जीवन में तनाव हो सकता है आप भावनात्मक स्तर पर बीमार हो सकते हैं। भावनाओं में बहकर किये गए निर्णयों से परेशानी उठानी पड़ सकती है। नौकरीपेशा लोगों को अपने पेशेवर जीवन में संतुलन बनाने की जरुरत पड़ेगी नहीं तो तनाव झेलना पड़ सकता है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाने की जरुरत है। आपको कई बार लग सकता है जैसे आप पुराने पैटर्न में वापिस जा रहे हैं कुछ सैटबैक लग सकते हैं । ये आपके धैर्य की परीक्षा है।

बृहस्पति का गोचर- कन्या राशि पर प्रभाव (Jupiter transit to Capricorn - Impact on Virgo Sign) का परिवार और आर्थिक दृष्टि से आकलन करें तो गोचर(Transit) कुंडली में बृहस्पति ग्रह चन्द्रमा से पांचवें घर में है| वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) में पांचवां घर संतान का माना जाता है| इसलिए आपको संतान से सुख मिलेगा । पारिवारिक जीवन में खुशियां मिल सकती हैं। परिवार का विस्तार हो सकता है। काम के बोझ से राहत मिलेगी और आप अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहेंगे । लोगों से मेल मुलाकात का फायदा मिलेगा और मौजूदा साधनों में भी संतोष का अनुभव करेंगे । सही प्लानिंग के साथ नए व्यापार या रोजगार में उतर सकते हैं , सफलता मिलेगी । आर्थिक मोर्चे पर सफलता मिलेगी नए अवसर मिलेंगे और आप बचत पर ध्यान दे सकते हैं । कोई जमीन जायदाद का सौदा करना चाहते हैं तो सही समय है , वाहन आदि भी खरीद सकते हैं बशर्ते आप डेडिकेशन और सही ऐटिटूड के साथ आगे बढ़ें और हाँ करना सीखें ।गुरु(Jupiter) चाहते हैं आप अपने काम पर ध्यान दें |

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार गोचर(Transit) कुंडली में बृहस्पति(Jupiter) ग्रह चन्द्रमा से पांचवें घर में होने के कारण कन्या राशि के लोगों को संक्षेप में कुछ कहें तो आपके लिए ये समय कुछ लिखने पढ़ने और ज्ञान अर्जित करने का है इसका सदुपयोग कर सकते हैं ।गुरु(Jupiter) देव की कृपा से यात्राओं का अच्छा योग है जिसमे धार्मिक यात्रा भी शामिल है , जो लोग स्पिरिचुअल जर्नी पे हैं वो अपनी अंतर्यात्रा पर गहरे उतर सकते हैं ,ध्यान आदि लगने में आसानी होगी । पुराने बर्डन को छोड़कर आगे बढ़ जायेंगे और नयी ऊर्जा के साथ , सकारात्मक सोच के साथ जीवन को स्वीकार करना सीखेंगे । कर्ज लेने में सावधानी बरतें । आपको पीठ में दर्द, फेंफडे संबधी समस्याएं , रीढ की हड्डी से जुडी हुई समस्यााएं, बुखार से सावधान रहने की जरुरत हैं ।

विशेष: ये फलादेश उनके लिए है जिनकी कुंडली में चन्द्रमा कन्या राशि में हो। अकेले गोचर फल के आधार पर अंतिम निर्णय नहीं करना चाहिए। कुंडली में बहुत सारे अन्य कारक भी होते हैं इसके अलावा ग्रहों की दृष्टि , ग्रह-योग के साथ साथ ग्रहों के बलाबल का विचार भी किया जाता है। इसलिए कन्या राशि वाले सभी लोगों के लिए फलादेश में भी भिन्नता हो सकती है।

बृहस्पति मकर राशि में 20 नवंबर 2020 से 6 अप्रैल 2021 तक और 14 सितम्बर से 21 नवंबर 2021 तक रहेंगे।

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