रिलेशनशिप और मैरिज जानिये अपनी कुंडली से (Relationship and Marriage in Astrology) : PART-1

रिलेशनशिप और मैरिज जानिये अपनी कुंडली से (Relationship and Marriage in Astrology) : PART-1

हमारा विषय है : Relationship and Marriage - इसको विस्तार से तीन भागों में पढ़ा जा सकता है | Part-1
धन वैभव मनुष्य की सबसे पहली पसंद होती है| लेकिन प्रेम(Love) के बिना धन भी बेकार लगने लगता है । मनुष्य की सारी दौड़ धूप, सारा संघर्ष अंतिम रूप से प्रेम(Love) पर ही केंद्रित है |लेकिन प्रेम शब्द इस संसार का सबसे गलत समझा गया शब्द है |जितना इस शब्द को गलत समझा गया उतना दूसरा कोई शब्द नहीं है| उसी का परिणाम है इस सारे जगत में उपद्रव ,हिंसा और संघर्ष । जब तक हम प्रेम(Love) को रिलेशनशिप(Relationship) समझते रहेंगे तब तक असली प्रेम को उपलब्ध नहीं हो सकेंगे । माँ बेटे का प्रेम| पति पत्नी का प्रेम, भाई बहिन का प्रेम|दोस्त का दोस्त से प्रेम | जब तक हम प्रेम(Love) को सम्बन्ध(Relationship) की भाषा में सोचते रहेंगे , तब तक जीवन में प्रेम का जन्म नहीं हो सकता है। क्योंकि प्रेम(Love) चेतना की एक अवस्था का नाम है| स्टेट ऑफ़ माइंड, स्टेट ऑफ़ कांशसनेस है |जबकि हम प्रेम(Love) को सम्बन्ध(Relationship) के साथ साथ उसमे अधिकार की भावना को भी जोड़ देते हैं |

एक दुसरे पर अपनी मालकियत थोपना शुरू कर देते हैं |और यही से शुरू होता है एक उपद्रव, एक मनमुटाव , दूरियां , क्रोध और हिंसा । खैर हमारा मकसद यंहा प्रेम(Love) को समझाना नहीं है लेकिन मंतव्य स्पष्ट है । हर व्यक्ति अपने ढंग से जीना चाहता है| हर व्यक्ति की अपनी विचारधारा और संस्कार हैं उसके अपने नज़रिये हैं और सम्बन्ध(Relationship) की अपनी परिभाषा है । हर व्यक्ति के इन्ही संबंधों की गहराई को समझा जा सकता है वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) में के कुंडली(Kundli) माध्यम से ।

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) में सम्बन्ध(Relationship) और विवाह(Marriage) के बारे में विस्तार से जानकारी मिलती है| रिलेशनशिप(Relationship) कब होगी , कितनी चलेगी , कैसे चलेगी ? इसी तरह शादी(Marriage) कब हो सकती है| शादी(Marriage) में देरी क्यों या विवाह(Marriage) असफल क्यों हो जाते हैं ? इसके अलावा और भी बहुत सी बातें हैं जिनकी चर्चा हम परत दर परत करेंगे | लेकिन सबसे पहले ये समझना जरूरी है कि वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) में ऐसे कौन से योग हैं या कौन से ग्रहों की स्थिति है जिनसे हमें अपने संबंधों के बारे में अपने विवाह(Marriage) के बारे में आसानी से जानकारी हासिल हो सके ।

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) में चौथे , पांचवें, सातवें ,ग्यारहवें और बारहवें घर के विश्लेषण से ये सब जाना जा सकता है| क्योंकि चौथा घर हृदय का , पांचवां मन और भावनाओं का , सातवां अपोजिट सेक्स और रिश्तों का ,आठवां सीक्रेसी का,गुप्त सम्बन्ध(Relationship) का , ग्यारहवाँ दोस्ती और सोशल सर्किल का जबकि बारहवाँ घर शयन सुख का माना जाता है । इन सब घरों में बैठे ग्रह(Grah) , उन पर अन्य ग्रहों की दृष्टि, उनका आपसी सम्बन्ध व्यक्ति के जीवन में बनने वाले संबंधों और विवाह(Marriage) के लिए रेस्पोंसिबल माने जाते हैं |

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