मंगल पांचवें घर में(Mars In Fifth House)

मंगल पांचवें घर में(Mars In Fifth House)

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) में पांचवें घर(Fifth House) से आत्मा, मंत्री ,राजनीति, टैक्स, श्रुति-स्मृति (ज्ञान) , विद्या , पेट, मनोरंजन, बच्चे, प्रारब्ध , क्रिएटिविटी ,सट्टा व्यवसाय, मनोरंजन व्यवसाय और बुद्धि आदि का विचार किया जाता है | पांचवे भाव को त्रिकोण भाव भी कहा जाता है | पहले, पांचवें, नवें भाव को त्रिकोण भाव कहा जाता है | मेरे विचार से कुंडली(Kundli) में पांचवें घर(Fifth House) को आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण घर कहा जा सकता है| क्योंकि वैसे भी ये भाव नवम से नवम पड़ता है (अर्थात नौवें घर से नौवां घर पांचवां घर हुआ ) । वंही वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) में मंगल(Mars) ग्रह(Grah) से पाप कर्म,क्रोध,ताकत,उत्साह, शस्त्र सैनिक ,साहस और छोटे भाई का विचार किया जाता है। स्वभाव से मंगल ग्रह क्रूर,पित्त प्रकृति, तमोगुणी , युवा और उग्र माना गया है | ये रात्रि में बलि और दक्षिण दिशा में बलवान माना गया है । मंगल(Mars) ग्रह(Grah) मेष और वृश्चिक राशियों का स्वामी है , मकर राशि(Rashi) में उच्च और कर्क राशि(Rashi) में नीच माना गया है।

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) के पांचवें घर(Fifth House) में बैठा मंगल(Mars) ग्रह(Grah) व्यक्ति को कला के शिखर पर पंहुचा सकता है| मनोरंजन व्यवसाय और राजनीति में सफलता पा सकता है बशर्ते उसके साथ बुध या बृहस्पति का अच्छा संयोग हो | क्योंकि अकेला मंगल(Mars) ग्रह(Grah) दिशा नहीं दे पाता और धैर्य में कमी कर देता है| इसलिए पांचवें घर(Fifth House) में बैठा अकेला मंगल शिक्षा में बाधा डाल सकता है | क्योंकि मंगल(Mars) ग्रह(Grah) व्यक्ति को एक ही विषय पर ज्यादा देर कॉन्सेंट्रेट नहीं होने देता| लेकिन अगर बुध या बृहस्पति की दृष्टि या साथ में बैठे हों तो निश्चित ही उच्च शिक्षा के लिए बहुत ही अच्छा संयोग बनता है। ऐसा व्यक्ति बच्चों के मामले में कठोर हो सकता है या पत्नी का गर्भपात हो सकता है।

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) में पांचवां घर(Fifth House) व्यक्ति के प्रेम की अभिव्यक्ति का भी घर है| अगर मंगल(Mars) ग्रह(Grah) को दूसरे ग्रहों का अच्छा साथ नहीं मिल रहा हो तो ऐसा व्यक्ति वासना में डूबा हो सकता है | प्रेम की अभिव्यक्ति में हिंसक हो सकता है या ऐसे लोगों के बचपन में यौनशोषण की घटना घटी होती है| जिसके कारण इनकी दबी हुई मानसिक संवेदनाएं समय के साथ कुंठा में बदल सकती है| ऐसे लोग योन संबंधों में साइकिक हो सकते हैं | इसके लिए कुंडली(Kundli) में चन्द्रमा की स्थिति देखना बहुत महत्वपूर्ण है। अक्सर देखने में आया है कि ऐसे लोग अपने भीतर गहरे क्रोध को दबाए रखते हैं| जिसके कारण ये कई बार हिंसक भी हो सकते हैं। इसलिए ऐसे लोगों को अपनी भावनाओं को काबू में करना सीखना चाहिए, और उन्हें व्यक्त करने का सही तरीका भी। वृश्चिक का मंगल(Mars) हो तो इनके बोलने में व्यंग्य और कटाक्ष दोनों हो सकते हैं।

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) के पांचवें घर(Fifth House) में बैठा बलशाली मंगल(Mars) ग्रह(Grah) जिसमे बृहस्पति ग्रह का साथ भी शामिल है व्यक्ति को ऊर्जा और धैर्य का भण्डार दे सकता है | साहस उसको दिशा देने वाला प्रकाश बन सकता है| ऐसे संयोग के व्यक्ति को राजनीती के उच्च शिखर पर पंहुचते देखा है। ऐसे लोग कला के क्षेत्र में या स्पेक्युलेटिव बिज़नेस में अपार धन और शोहरत पा सकते हैं। ऐसा मंगल(Mars) व्यक्ति को एक सकारात्मक सोच के साथ साथ गरिमा भी देता है। लेकिन ऐसे लोगों को अपने अहंकार से बचने की सलाह दी जाती है। अपनी चौथी दृष्टि से आठवें घर को देखने पर ऐसा मंगल(Mars) व्यक्ति को भूमि से लाभ करा सकता है |लेकिन वाहन से नुक्सान करा सकता है | वंही ग्यारहवें घर पर सातवीं दृष्टि के चलते व्यापार खासकर स्पेक्युलेटिव बिज़नेस में सफलता दे सकता है। अपने अधिकारों की लड़ाई और अपनी प्रभुता जमाने के चलते परिवार और दोस्तों से रिश्ते खराब हो सकते हैं।

संक्षेप में कुंडली(Kundli) के पांचवें घर(Fifth House) में बैठे हुए मंगल(Mars) ग्रह(Grah) की ऊर्जा का सही दिशा में होना बहुत जरुरी है | उसके लिए सूर्य और चन्द्रमा की स्थिति और मंगल किस राशि(Rashi) में है ये बात बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है| क्योंकि यंहा बैठा हुआ सकारात्मक मंगल जंहा व्यक्ति को नयी ऊंचाइयों और नैतिक मूल्यों की तरफ ले जा सकता है |स्वभाव में एक गरिमा दे सकता है | दूसरी तरफ नकारात्मक मंगल व्यक्ति को वासना की गहरी खाई में डाल सकता है| नैतिक पतन कर सकता है| ईर्ष्यालु और कठोर वाणी बोलने वाला हो सकता है या कला के निचले स्तर से धन कमा सकता है। कुंडली(Kundli) के पांचवें घर(Fifth House) में बैठा कमजोर मंगल(Mars) ग्रह(Grah) पित् विकार, साहस में कमी, रक्तचाप, गुप्तांगो में रोग गुर्दा रोग, मसपेशियों से सम्बंधित बीमारियां या पेट से पीठ तक कमजोरी के रोग दे सकता है।

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