मंगल नवें घर में(Mars In Ninth House)
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- On August 24, 2020
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मंगल नवें घर में(Mars In Ninth House)
वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) के नवें घर(Ninth House) से गुरु, देवता, पिता, भाग्य, उत्तम कर्म, जंघा, ग्रैंडसन का विचार करें | दक्षिण भारत में नवें घर से तो उत्तर भारत भारत में दसवें घर से पिता का विचार किया जाता है | इसे त्रिकोण और भाग्य भाव भी कहा जाता है | और विस्तार से बात करें तो धर्म में रूचि, लम्बी दूरी की यात्रा , उच्च शिक्षा, अध्यात्म एवं दर्शन का ज्ञान और कानून आदि का विचार भी इस घर से किया जाता है। कुंडली (Kundli) के नवें घर(Ninth House) में बैठा मंगल(Mars) ग्रह(Grah) बहुत ही सकारात्मक परिणाम दे सकता है। बलवान मंगल के लिए ये एक आदर्श स्थिति है| क्योंकि ऐसा व्यक्ति अपनी ऊर्जा को व्यर्थ के कामों में नहीं लगाता | सही दिशा में काम करके पूरी क्षमता से अपनी योग्यता को निखारता है और रचनात्मक कार्यों में सफलता प्राप्त करता है।
वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) के नवें घर(Ninth House) में बैठा मंगल(Mars) ग्रह(Grah) व्यक्ति को ज्ञान की तरफ आकर्षित कर सकता है| ऐसे लोगों को शैक्षिक डिग्री से बहुत लगाव हो सकता है और उसका दिखावा भी कर सकते हैं | ऐसे व्यक्ति प्रशासनिक कार्यों में रूचि ले सकते हैं | स्वाभिमानी स्वभाव के होने के कारण कई बार इनको अहंकारी समझ लिया जाता है। अपने विचारों और दृष्टिकोण को लेकर ये लोग कभी समझौता नहीं करते। अपने गुरुजनों और बड़े बुजुर्गों से वैचारिक विरोध हो सकता है। ऐसे व्यक्ति पब्लिकेशन के क्षेत्र में भी सफलता पा सकते हैं। धर्म प्रचार के कामों में लगा हो सकता है। बलवान मंगल(Mars) दूर देशों की यात्राएं करा सकता है लेकिन वंहा जाकर बसने का विचार इस घर से नहीं किया जा सकता। अगर बारहवें घर में अनुकूल ग्रह हों तो निश्चित ही व्यक्ति विदेश में जा बसता है, क्योंकि मंगल(Mars) की चौथी दृष्टि इस घर पर पड़ती है । भूमि से जुड़े मामलों से सफलता मिल सकती है लेकिन माता के स्वास्थ्य की चिंता हो सकती है। भाई बहनों से संबंधों में खटास आ सकती है।
वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार मंगल(Mars) ग्रह(Grah) एक योद्धा है इसलिए ऐसे व्यक्ति हमेशा आवेग में रह सकते है| उनके अंदर एक जूनून देखा जा सकता है इसलिए अक्सर लोग इनसे दूर रहना पसंद करते है | लेकिन ऐसे लोग अपनी महत्वाकांक्षा को कभी नहीं छोड़ते और अपनी मंजिल पा ही लेते है। ऐसे व्यक्ति कानून के क्षेत्र में अच्छा काम कर सकते है | कुंडली में अगर शनि की स्थिति अच्छी हो तो व्यक्ति न्यायधीश बन सकता है। कुंडली(Kundli) में नवें घर(Ninth House) में बैठा कमजोर मंगल(Mars) व्यक्ति को व्यर्थ की यात्राएं करा सकता है अध्यात्म और ज्ञान की आड़ में पाखण्ड कर सकता है। गुरुजनों के नुक्सान कर सकता है |मात्र दिखावे के लिए कुछ काम में लगा हो सकता है लेकिन अंदर से ऊर्जाहीन या व्यर्थ के कामों में लगा हो सकता है। आचरण और व्यवहार में झूठा हो सकता है। सहकर्मियों और भाईबहनो से विवाद हो सकता है। दूसरों की आलोचना या चुगलखोरी कर सकता है।
वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) के नवें घर(Ninth House) को त्रिकोण भाव या भाग्य भाव भी कहा जाता है जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि धन,विद्या और आय व कर्म के दरवाजों की चाबी इसी भाव में रखी है। नवें ,पहले और पांचवे घरों का सीधा सम्बन्ध है जो कि एक दूसरे से पांचवें और नवें पड़ते है। धर्मध्वजा के कारक इस घर को मंगल(Mars) ग्रह(Grah) चेतन कर देता है ऊर्जावान बना देता है लेकिन आध्यात्मिक उन्नति के लिए बृहस्पति आदि ग्रहों का साथ मिलना बहुत जरुरी है। तीसरे घर पर दृष्टि होने के चलते आज के दौर में मीडिया और सोशल मीडिया में अच्छी जगह बना सकते है। कुंडली(Kundli) में यंहा बैठे कमजोर मंगल(Mars) वालों के लिए सबसे अच्छा उपाय है बड़े बुजुर्गों की सेवा करें उनका अपमान न करें। आपको गले और छाती से सम्बंधित रोगों से सावधान रहना चाहिए।