मंगल छठे घर में(Mars In Sixth House)

मंगल छठे घर में(Mars In Sixth House)

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) के छठे घर(Sixth House) को त्रिक भाव भी कहा जाता है | इस भाव से क़र्ज़, दुश्मन, रोग,लड़ाई-झगड़ा , अपमान ,पाप, दुष्ट कर्म, मामा , नौकरी, नाभि का विचार किया जाता है। इस भाव से प्रतिस्पर्धा ,दैनिक कार्य ,सहकर्मियों से सम्बन्ध का भी विचार किया जाता है। कुंडली(Kundli) में छठा घर(Sixth House) मंगल(Mars) ग्रह(Grah) के लिए अनुकूल घर कहा जा सकता है| मंगल(Mars) ग्रह(Grah) साहस और पराक्रम का कारक है और प्रतिस्पर्धा में भरोसा करता है। दैनिक कार्यों को निपटाने में हर रोज नई ऊर्जा और स्फूर्ति की जरुरत पड़ती है और ये दोनों मंगल के खजाने से कभी खाली नहीं होती। वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार मंगल(Mars) ग्रह(Grah) को शक्ति, साहस, क्रोध,उदारता , उत्तेजना, शस्त्र, शत्रुता, अग्नि, सैनिक, उत्साह ,वीर्य, झूठी बातें, पाप कर्म ,चोट, छोटे भाई का कारक माना माना गया है | मंगल ग्रह को अग्नि तत्व. पित् प्रकृति, तमोगुणी, युवावस्था, उग्र स्वभाव, क्षत्रिय जाति, रात्री में बली, क्रूर ग्रह माना गया है |

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) के छठे घर(Sixth House) में मंगल(Mars) ग्रह(Grah) बहुत ही सकारात्मक और अनुकूल परिणाम दे सकता है| एक तरह से छठा घर मंगल का अपना मैदान है जंहा मंगल को पराजित करना बहुत मुश्किल है| यंहा दुश्मन कठिन परिस्थितियां पैदा करने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन यंहा मंगल उन सबसे आसानी से निपट लेता है। इस घर में मंगल का मतलब है जीवन में उच्च उद्देश्यों के लिए कार्य करना और नेतृत्व करना | हालाँकि यंहा बैठे मंगल में नेतृत्व को लेकर एक कुंठा बनी रह सकती है। सहकर्मियों के साथ प्रतिस्पर्धा बनी रहती है उसके कई दुश्मन बन सकते हैं | कार्यस्थल का वातावरण तनावग्रस्त हो सकता है लेकिन अंत में विजय पा लेता है।

कुंडली(Kundli) के छठे घर(Sixth House) में कमजोर मंगल(Mars) ग्रह(Grah) व्यक्ति को अपराधी या हत्यारा बना सकता है। मंगल असीम ऊर्जा का कारक है इसलिए जीवन में प्रतिस्पर्धा के क्षेत्रों में खासकर शारीरिक गतिविधियों में शामिल होकर मंगल(Mars) जबरदस्त सफलता दिला सकता है | खेलकूद,एथलेटिक्स,कार रेसिंग या सेना में उच्च पदों को सुशोभित कर सकता है | पुलिस या एडमिनिस्ट्रेटिव फील्ड में सफलता पा सकता है।

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) के छठे घर(Sixth House) में बैठा मंगल(Mars) ग्रह(Grah) अच्छा वकील या अच्छा सर्जन भी बना सकता है, बशर्ते दूसरे ग्रह साथ दे रहे हों ।

मंगल(Mars) ग्रह(Grah) अपने आपको बुद्धि की अपेक्षा शरीर के माध्यम से व्यक्त करता है और प्रतिस्पर्धा में परिणाम ही मायने रखता है| इसलिए ऐसे लोगों के पास सौहार्दपूर्ण व्यवहार की अपेक्षा नहीं की जा सकती। बारहवें घर पर दृष्टि होने के कारण अगर ऐसे व्यक्ति आध्यात्मिक क्षेत्र की तरफ रूचि लेते भी हैं तो हठयोग और तंत्र जैसे विषय उनको प्रिय हो सकते हैं।ऐसे लोगों को खराब संगति से बचना चाहिए वर्ना किसी अपराध के आरोप में जेल भी जाना पड़ सकता है। कुंडली(Kundli) में छठे घर(Sixth House) में बैठा मंगल(Mars) ग्रह(Grah) कर्जदार बना सकता है इसलिए ऐसे लोगों को कर्ज लेते हुए और उसे चुकाने में सावधानी बरतनी चाहिए।

कुंडली(Kundli) में यंहा बैठे मंगल(Mars) के कारण शरीर के रोगों और शत्रुओं पर विजय मिलती है लेकिन शस्त्र,दुर्घटना आदि का भय बना रहता है ऐसे लोगों के स्वभाव में तेजी और उग्रता का होना आम बात है। और अंत में सबसे ख़ास बात यंहा बैठा मंगल खुद जातक को चौंका सकता है क्योंकि व्यक्ति जिस परसेप्शन को लेकर चलता है परिणाम आते आते उसका उद्देश्य ही बदल सकता है। वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार मंगल(Mars) ग्रह(Grah) मकर राशी(Rashi) में 28 अंश पर उच्च तथा कर्क राशी(Rashi) में 28 अंश पर नीच कहा गया है | मंगल(Mars) क्रोधी स्वभाव, लाल रंग, एवं दक्षिण दिशा में बलवान माना जाता है | मंगल(Mars) ग्रह(Grah) से पित् विकार, साहस में कमी, गर्मी, रक्तचाप, गुप्तांगो में रोग गुर्दा, मसपेशियाँ, पेट से पीठ तक कमजोरी, बुखार, चोट लगना, जलना, चेचक, खसरा आदि का विचार भी किया जाता है |

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