चन्द्रमा नवें घर में (Moon in Ninth House)

चन्द्रमा नवें घर में (Moon in Ninth House)

हमारा विषय है :कुंडली में चन्द्रमा नवें घर में(Moon in Ninth House) बैठा हो तो उसके क्या परिणाम मिल सकते हैं।लेकिन आगे बढ़ने से पहले कुछ बातें नवें घर और चन्द्रमा ग्रह से सम्बंधित जान लेना जरुरी है।वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार नवें घर(Ninth House) से गुरु, देवता, पिता, भाग्य, उत्तम कर्म , जंघा, ग्रैंडसन का विचार करें | इसे त्रिकोण और भाग्य भाव भी कहा जाता है| लम्बी और धार्मिक यात्राएं भी नवें घर से देखी जाती हैं। वैदिक ज्योतिष में चन्द्रमा(Moon) को मन का कारक माना गया है। चन्द्रमा के पीड़ित होने से मन व्याकुल रहता है| अगर चन्द्रमा कमजोर हो तो व्यक्ति को मानसिक तनाव, अवसाद जैसी समस्याएं घेर लेती हैं| अगर चन्द्रमा कुंडली में शुभ अवस्था में हो तो जातक का मनोबल बढ़ा हुआ होता है | चन्द्रमा को मन, बुद्धि, माता, धन, खूबसूरती, सफेद रंगो की वस्तुएँ , राजशासन की मोहर,चांदी, मोती, मीठे व्यंजन, जल, सुंदरता, गाय और चतुर्थ भाव का कारक माना जाता है|

वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में अगर चन्द्रमा नवें घर में(Moon in Ninth House) बलवान होकर बैठा हो तो व्यक्ति का झुकाव अध्यात्म और धर्म की तरफ हो सकता है। दर्शन शास्त्र में रूचि हो सकती है। व्यक्ति उच्च शिक्षा प्राप्त करके एक अच्छा शिक्षक बन सकता है। ऐसे व्यक्ति प्रकांड पंडित और विद्वान् हो सकते हैं। अक्सर देखने में आया है कि नवें घर(Ninth House) का चन्द्रमा(Moon) व्यक्ति को लम्बी और धार्मिक यात्राएं कराता है। धर्म प्रचार के लिए भी विदेश यात्रा हो सकती है। संक्षेप में ऐसे व्यक्ति शिक्षा और शिक्षण से जुड़े हुए हो सकते हैं और इसी क्षेत्र में अपना नाम भी कमा सकते हैं। ऐसे व्यक्ति अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होते हैं। अलग अलग संस्कृतियों और विचारधाराओं में रूचि रखने वाले ऐसे लोग मनोविज्ञान के क्षेत्र में भी सफल हो सकते हैं।

गुरु या दूसरे शुभ ग्रहों का साथ मिल रहा हो तो ऐसे लोगों का बचपन बहुत ही गुणी और सुघड़ माँ के सान्निध्य में मूल्यवान और नैतिक सबक सीखकर गुजरा हो सकता है। ऐसे लोगों के घर का वातावरण बहुत ही शुद्ध और संस्कारमयी हो सकता है।कुंडली में अगर चन्द्रमा नवें घर में(Moon in Ninth House) बलवान होकर बैठा हो तो ऐसे लोग भावनात्मक रूप से गहरी सुरक्षा चाहते हैं। अलग अलग जगहों में घुमते हुए अपने अनुभवों को साझा करना इनका शौक हो सकता है। अपनी बारीक नजर और परखने की प्रवृत्ति के कारण ऐसे लोग किसी रिसर्च के काम से जुड़े हो सकते हैं और सफलता भी प्राप्त कर सकते हैं।

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली में चन्द्रमा नवें घर में(Moon in Ninth House) अगर कमजोर अवस्था में बैठा हो और उसके नकारात्मक परिणामों की बात करें तो ऐसे व्यक्ति भावनात्मक रूप से कमजोर हो सकते है। दूसरे लोगों से सहानुभूति पाने के तरीके खोज सकते हैं। व्यर्थ की यात्राएं कर सकते है। यात्राओं से नुक्सान उठाना पड़ सकता है। धर्म की अघोर विद्या या दूसरी तंत्र क्रियाओं से जुड़े हो सकते हैं। ऐसे लोगों का बचपन बहुत ही संघर्ष में गुजरा हो सकता है। शिक्षा अधूरी रह सकती है। किसी पूजा स्थल के पुजारी हो सकते हैं। धर्म के नाम पर लोगों को गलत शिक्षा दे सकते हैं। भाई बहनों से रिश्ते खराब हो सकते हैं। अपनी बात को सही ढंग से रखने में परेशानी हो सकती है। माँ के प्यार से वंचित हो सकते हैं या माँ को कोई परेशानी हो सकती है। ऐसे लोग बहुत जल्दी डिप्रेशन में जा सकते हैं।

कुंडली में ये विश्लेषण था अगर कुंडली में चन्द्रमा नवें घर में(Moon in Ninth House) बैठा हो लेकिन ध्यान रहे कुंडली में चन्द्रमा के सकारात्मक परिणाम तभी मिलते हैं जब दूसरे ग्रहों का भी साथ मिल रहा हो। चन्द्रमा के नकारात्मक परिणाम भी तभी मिलते हैं जब कुंडली में दूसरे ग्रहों का साथ नहीं मिल रहा हो। चन्द्रमा वृष राशी में उच्च और वृश्चिक राशी में नीच का माना जाता है | चन्द्रमा से वात , कफ का विचार किया जाता है | चन्द्रमा जलीय , स्त्री गृह और वायव्य दिशा का स्वामी होता है | चन्द्रमा से कफ संबंधित रोग, गला, छाती, मानसिक रोग के अलावा आँखों की बीमारी, कैल्शियम की कमी, मिरगी के दौरे और आलस का विचार भी किया जाता है।चन्द्रमा से जुड़ी मानसिक क्रियाओं और उपायों से इसके नेगेटिव इफेक्ट्स को कम किया जा सकता है।

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