चंद्र वैदिक ज्योतिष में (Moon in Vedic Astrology)

चंद्र वैदिक ज्योतिष में (Moon in Vedic Astrology)

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) में चन्द्रमा(Moon) ग्रह(Grah) माँ और भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। मन की शान्ति और गृह जीवन के लिए भी चन्द्रमा(Moon) की स्थिति देखी जाती है। चंद्रमा(Moon) को मन, माता, जल और यात्रा का कारक माना गया है। चन्द्रमा(Moon) के पीड़ित होने से मन व्याकुल रहता है| अगर चन्द्रमा(Moon) कमजोर हो तो व्यक्ति को मानसिक तनाव, अवसाद जैसी समस्याएं घेर लेती हैं | अगर चन्द्रम(Moon) कुंडली(Kundli) में शुभ अवस्था हो तो जातक का मनोबल बढ़ा हुआ होता है | जन्म के समय चंद्रमा(Moon) जिस राशि(Rashi) में स्थित होता है वह जातक की चंद्र(Moon) राशि(Rashi) कहलाती है।

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) में चन्द्रमा(Moon) ग्रह(Grah) को मन, बुद्धि, माता, धन, खूबसूरती, सफेद रंगो की वस्तुएँ , राजशासन की मोहर आदि का विचार किया जाता है |इसके अलावा कुंडली(Kundli) में चन्द्रमा(Moon) ग्रह(Grah) को चांदी, मोती, मीठे व्यंजन, जल, सुंदरता, गाय और चतुर्थ भाव का कारक भी माना जाता है | तीव्र गति से घुमने वाला ये ग्रह सवा दो दिन एक राशी(Rashi) में भ्रमण पूरा करता है |

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) में चन्द्रमा(Moon) ग्रह(Grah) वृष राशी(Rashi) में उच्च और वृश्चिक राशी(Rashi) में नीच का माना जाता है | चन्द्रमा(Moon) से वात , कफ का विचार किया जाता है | चन्द्रमा(Moon) जलीय , स्त्री ग्रह(Grah) और वायव्य दिशा का स्वामी होता है | चन्द्रमा(Moon) से कफ संबंधित रोग, गला, छाती, मानसिक रोग के अलावा आँखों की बीमारी, कैल्शियम की कमी, मिरगी के दौरे और आलस का विचार भी किया जाता है |

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) मूलत: भविष्य की तलाश है। विज्ञान इस बात की खोज है कि काज क्या् है, कारण क्या है और ज्योतिष(Astrology) इस बात की खोज है कि एफेक्ट क्या होगा, परिणाम क्या होगा? समुन्द्र में ज्वार भाटा सूर्य और चन्द्रमा के कारण आता है। आपको जानकार हैरानी हो सकती है कि समुन्दर में पानी और नमक का जो अनुपात है, मनुष्य के शरीर में भी वही अनुपात है और हमारे शरीर में 70 प्रतिशत से ज्यादा पानी है । सूर्य और चन्द्रमा(Moon) की किरणों और उनके चुम्बकीय प्रभाव के कारण जब इतना बड़ा समुन्द्र हिलोरें मारने लगता है तो मनुष्य इन् प्रभावों से कैसे मुक्त हो सकता है ? आपने गौर किया कि नहीं लेकिन ये सर्वविदित तथ्य है कि पूर्णिमा के दिन मानसिक रोगियों की गतिविधियां तेजी से बढ़ जाती हैं। इसलिए हमारे यंहा एक शब्द प्रचलित हुआ चांदमारा या लूनाटिक (लूनर से बना है) जिसका मतलब एक तरह से पागल के लिए प्रयोग किया जाता है।

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) की महत्ता और वैज्ञानिकता देखिये जिसमे चन्द्रमा(Moon) को मन का कारक माना गया है। इसी वैज्ञानिकता के आधार पर मंगल,शुक्र,शनि,बुध,गुरु आदि ग्रहों के कारकत्व का निर्धारण किया गया है ,सूर्य तो साक्षात् देवता हैं , और तो और आपको जानकार हैरानी हो सकती है कि महिलाओं के मासिक-धर्म के चक्र का सीधा सम्बन्ध चन्द्रमा(Moon) की कलाओं से है ।

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