सूर्य और बुध आठवें घर में – Sun and Mercury in Eighth House
- By admin
- Posted in Planetry Conjunctions
- On April 10, 2021
- No Comments.
सूर्य और बुध आठवें घर में - Sun and Mercury in Eighth House)
हमारा विषय है : सूर्य और बुध आठवें घर में - Sun and Mercury in Eighth House हों तो क्या परिणाम हो सकते हैं - वैदिक ज्योतिष के अनुसार आठवें घर से मानसिक बीमारी ,आयु, मृत्यु, गुप्त ज्ञान , क्लेश , बदनामी, खनन , पत्नी का धन, ससुराल, दुर्घटना , गुदा , गुप्त विद्या आदि का विचार किया जाता है |
कुंडली में सूर्य ग्रह को ऊर्जा, पिता, आत्मा का कारक माना जाता है। इसके अलावा कुंडली में व्यक्तित्व ,पिता,वैद,प्रतिष्ठा , सोना, ताम्बा ,युद्ध में विजय, सुख, राजसेवक, ताक़त,देवस्थान, जंगल,पहाड़, पित्त प्रकृति आदि का विचार सूर्य से किया जाता है |सूर्य हमारे अहंकार, सम्मान, प्रसिद्धि और शक्ति का सूचक है। सांसारिक मामलों में सफलता ,क्रियाशीलता, महत्वाकांक्षा आदि का प्रतिनिधित्व भी सूर्य देव ही करते हैं। सूर्य हमें जीवनी शक्ति के साथ साथ प्रतिरोधक क्षमता भी देता है। सूर्य ग्रह से चिकित्सा का ज्ञान मिलता है। हमारी रीढ़ विशेष रूप से सूर्य से प्रभावित है जिसके दोनों तरफ इड़ा(चंद्र) और पिंगला(सूर्य) नाड़ी है । चन्द्रमा , मंगल और बृहस्पति इसके प्राकृतिक मित्र ग्रह हैं। जातक की कुंडली में जब सूर्य की स्थिति मजबूत होती है तो उसे बहुत से फायदे मिलते हैं। उसे अच्छी नौकरी, सम्मान और उच्च पद प्राप्त होता है। वह जन्मजात लीडर होता है । सूर्य ग्रह अग्नि तत्व, पुरुष जाती, पूर्व दिशा का स्वामी, स्वभाव से प्रचंड और दिन में बलि होता है |वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में सूर्य मेष राशि में 10 अंश तक उच्च और तुला राशि में नीच का होता है | सूर्य को मेष,सिंह,मीन और धनु राशियों में अच्छा माना जाता है इसके अलावा कर्क और वृश्चिक राशियों में भी सूर्य के सकारात्मक परिणाम मिलते हैं । सूर्य का रत्न माणिक्य होता है | सूर्य से रक्त, पित विकार, अतिसार, पेट की बीमारी ,सिर दर्द, नेत्र रोग, ज्वर, ह्रदय रोग आदि का विचार किया जाता है |
वहीँ बुध ग्रह से गणित, संपादन, प्रकाशन, खेल,ज्योतिष, कानून, व्यवसाय, लेखन कार्य, अध्यापन, वात, पित, कफ , कला, निपुणता, सत्य वचन, शिल्पकला, मीडिया, मित्र, हरे रंग का विचार किया जाता है | बुध कन्या राशि में उच्च तथा मीन राशि में नीच माना गया है साथ ही साथ बुद्धि, मित्र सुख और चतुर्थ भाव का कारक भी होता है । बुध ग्रह पारे की तरह होता है इसलिए इन्हें समझना थोड़ा मुश्किल होता है , क्योंकि ये एक क्षण में गुस्सा करते हैं और दूसरे पल शांत हो जाते हैं | बुध ग्रह को स्पष्टवक्ता, रजोगुणी, पृथ्वी तत्व, नपुंसक ग्रह माना गया है | ये पापी ग्रहों के साथ पापी एवं शुभ ग्रहों के साथ शुभ फल देता है इसके अलावा यह उत्तर दिशा , कन्या एवं मिथुन राशियों का स्वामी होता है | बुध ग्रह से शरीर की स्नायु तंत्र प्रक्रिया, अस्थमा, गूंगापन, मतिभ्रम, नाड़ी कंपन, चर्मरोग,दिमाग, फेंफडे, जीभ, बुद्धि, वाणी का विचार किया जाता है | बुध ग्रह को तर्क शक्ति, संचार और मित्र का कारक माना गया है।
कुंडली में सूर्य और बुध की युति से बनने वाले योग को बुधादित्य योग भी कहा जाता है। चूँकि आठवें घर को ज्योतिष में गूढ़,गुप्त और अप्रत्यासित परिणामों के लिए जाना जाता है, इस घर का रहस्य बहुत गहरा होता है , इसलिए ये घर बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है और इसमें बैठा कोई भी ग्रह और भी महत्वपूर्ण बन जाता है। सूर्य और बुध आठवें घर में - Sun and Mercury in Eighth House बलवान होकर बैठे हों तो जीवन के गहरे रहस्यों को समझने में मदद कर सकता है और एक अनूठी क्षमता दे सकता है ,ऐसे व्यक्तियों की अध्यात्म और ज्ञान से जुड़े हुए सारे विषयों में रूचि हो सकती है और नयी विधाओं को सीखने की क्षमता हो सकती है ऐसे लोग रिसर्च स्कॉलर हो सकते हैं, अच्छे वकील या शिक्षक हो सकते हैं ,वैज्ञानिक हो सकते हैं बहुत बड़े चिकित्सक हो सकते हैं, खासकर सफल सर्जन बन सकते हैं , गुप्तचर विभाग में उच्च पद पा सकते हैं ,खनन विभाग में या खनन से जुड़े हुए कारोबार में सफलता पा सकते हैं , कोई धातु विशेषज्ञ हो सकते हैं - क्योंकि इस घर की मूल प्रवृत्ति गहराई में छिपी हुई चीजों को जानने की है उनको समझने की है , नए नए रहस्यों को उजागर करने के लिए प्रेरित करने की है। ज्योतिष और गूढ़ विषयों को आसानी से समझकर दूसरे लोगों तक पहुंचाने में समर्थ हो सकता है।
सूर्य और बुध आठवें घर में - Sun and Mercury in Eighth House बलवान होकर बैठे हों तो ऐसे व्यक्तियों के पास सिक्स्थ सेंस कमाल की होती है। ऐसे लोग दूसरे लोगों के परिवेश , वातावरण और उनकी सोच को पहचान लेने की क्षमता रखते हैं। दूसरे घर पर दृष्टि होने के चलते ऐसे लोग प्रखर वक्ता हो सकते हैं।किसी भी घटना के पीछे छिपे रहस्यों को उजागर कर सकते हैं। एक अच्छे वैज्ञानिक बन सकते हैं। आयल , पेट्रोलियम और खनन के क्षेत्र में सफलता पा सकते हैं। ससुराल पक्ष से अच्छा सहयोग मिल सकता है। गणित जैसे विषयों में नए सूत्र खोज सकता है। लेखन कला कमाल की हो सकती है खासकर रहस्यमयी कथाओं में इतिहास रच सकता है। एक अच्छे संपादक या प्रकाशक हो सकते हैं। व्यक्ति योग और ध्यान के माध्यम से नयी ऊंचाइयों को पा सकता है, आत्मविकास और गूढ़ विज्ञान को समझने के प्रयास में लगा हो सकता है। आयुर्वेद या ऑलटरनैट थेरेपी का जानकार हो सकता है । ऐसे व्यक्ति मनोविज्ञान में रूचि ले सकते हैं और अच्छे मनोवैज्ञानिक बन सकते हैं, मनोचिकित्सक बन सकते हैं । उनकी सोच में गहराई होती है। ऐसे लोगों को विरासत में धन मिल सकता है।
कुंडली में सूर्य और बुध आठवें घर में - Sun and Mercury in Eighth House अगर कमजोर स्थिति में हों और उनके नकारात्मक परिणामों की बात करें तो ऐसे व्यक्ति अकेलापन महसूस कर सकते हैं। किसी त्वचा रोग या यौन रोग/गुदा रोग से पीड़ित हो सकते हैं। बार बार नौकरी में बदलाव कर सकते हैं या कारोबार बदल सकते हैं जिसके कारण इनके जीवन में स्थायित्व नहीं आ पाता। अपनी बात को समझाने में कई बार असमर्थ हो सकते है।अभिव्यक्ति की समस्या हो सकती है। ससुराल पक्ष से परेशानी हो सकती है। व्यक्ति कर्जदार हो सकता है। ऐसे व्यक्ति बेचैन रह सकते हैं किसी हीनभावना के शिकार हो सकते हैं या गहरे अवसाद में जा सकते हैं। अगर दूसरे ग्रहों का साथ नहीं मिल रहा हो तो मानसिक बीमारी से ग्रस्त हो सकते हैं। किसी तंत्रिका तंत्र रोग से पीड़ित हो सकते हैं। निराशावाद और अधीरता की प्रवृत्ति हो सकती है। कुटुंब में क्लेश रह सकता है। गुप्त संबंधों के चलते बदनामी हो सकती है। व्यक्ति को अलग थलग कर सकता है।
कुंडली में सूर्य और बुध आठवें घर में - Sun and Mercury in Eighth House अगर कमजोर स्थिति में हों तो पिता पुत्र में वाद विवाद बना रह सकता है ,सर दर्द या मानसिक रूप से परेशान रह सकता है। बार बार बीमारी , हड्डियों से सम्बंधित परेशानी या बार बार मृत्यु तुल्य कष्ट उठाना पड़ सकता है, विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है । स्वभाव में जिद्दीपन हो सकता है। सरकार से परेशानी हो सकती है। अगर नौकरी में है तो अधिकारीयों से एवं सहकर्मियों से विवाद या परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हालाँकि ऐसे लोग काफी स्वतंत्र विचारों के होते हैं और सोच भी परंपरा से अलग हो सकती है। ऐसे लोगों की जीवन के कई मोड़ पर बार बार परीक्षा होती है , लेकिन समय के साथ ऐसे लोग संकटों को अपने जीवन का हिस्सा बना लेते हैं। व्यक्ति को त्वचा के, पीठ के रोग, हड्डियों से सम्बंधित रोग दे सकता है। इसके अलावा रक्त विकार , पित विकार, अतिसार, सिर दर्द, नेत्र रोग आदि की संभावना भी बनी रहती है।
बुधादित्य योग के सकारात्मक परिणाम तभी मिलते हैं जब कुंडली में दूसरे ग्रहों का साथ मिल रहा हो।बुधादित्य योग के नकारात्मक परिणाम भी तभी मिलते हैं जब कुंडली में दूसरे ग्रहों का साथ नहीं मिल रहा हो। सूर्य और बुध ग्रह से सम्बंधित मानसिक बदलावों और उपायों से इसके नेगेटिव इफेक्ट्स को कम किया जा सकता है।
अकेले बुधादित्य योग के आधार पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए , उसके लिए पूरी कुंडली का विश्लेषण जरुरी है |