सूर्य और बुध पांचवें घर में – Sun and Mercury in Fifth House

सूर्य और बुध पांचवें घर में - Sun and Mercury in Fifth House

हमारा विषय है : सूर्य और बुध पांचवें घर में - Sun and Mercury in Fifth House हों तो क्या परिणाम मिलते हैं - वैदिक ज्योतिष के अनुसार पांचवें घर से मन-आत्मा , मंत्री , टैक्स, श्रुति-स्मृति (ज्ञान) , विद्या , पेट, मनोरंजन, बच्चे, प्रारब्ध , क्रिएटिविटी आदि का विचार किया जा सकता है| पहले, पांचवें, नवें भाव को त्रिकोण भाव भी कहा जाता है।

कुंडली में सूर्य ग्रह को ऊर्जा, पिता, आत्मा का कारक माना जाता है। सभी ग्रहों का राजा भी सूर्य है। इसके अलावा कुंडली में व्यक्तित्व ,पिता,वैद,प्रतिष्ठा , सोना, ताम्बा ,युद्ध में विजय, सुख, राजसेवक, ताक़त,देवस्थान, जंगल,पहाड़, पित्त प्रकृति आदि का विचार सूर्य से किया जाता है |सूर्य हमारे अहंकार, सम्मान, प्रसिद्धि और शक्ति का सूचक है। सूर्य ग्रह अग्नि तत्व, पुरुष जाती, पूर्व दिशा का स्वामी, स्वभाव से प्रचंड और दिन में बलि होता है |वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में सूर्य मेष राशि में 10 अंश तक उच्च और तुला राशि में नीच का होता है | सूर्य का रत्न माणिक्य होता है | सूर्य से रक्त, पित विकार, अतिसार, पेट की बीमारी ,सिर दर्द, नेत्र रोग, ज्वर, ह्रदय रोग आदि का विचार किया जाता है | जातक की कुंडली में जब सूर्य की स्थिति मजबूत होती है तो उसे बहुत से फायदे मिलते हैं। उसे अच्छी नौकरी, सम्मान और उच्च पद प्राप्त होता है।

वहीँ बुध ग्रह से गणित, संपादन, प्रकाशन, खेल,ज्योतिष, कानून, व्यवसाय, लेखन कार्य, अध्यापन, वात, पित, कफ , कला, निपुणता, सत्य वचन, शिल्पकला, मीडिया, मित्र, हरे रंग का विचार किया जाता है | बुध कन्या राशि में उच्च तथा मीन राशि में नीच माना गया है साथ ही साथ बुद्धि, मित्र सुख और चतुर्थ भाव का कारक भी होता है । बुध ग्रह को स्पष्टवक्ता, रजोगुणी, पृथ्वी तत्व, नपुंसक ग्रह माना गया है | ये पापी ग्रहों के साथ पापी एवं शुभ ग्रहों के साथ शुभ फल देता है इसके अलावा यह उत्तर दिशा , कन्या एवं मिथुन राशियों का स्वामी होता है | बुध ग्रह से शरीर की स्नायु तंत्र प्रक्रिया, अस्थमा, गूंगापन, मतिभ्रम, नाड़ी कंपन, चर्मरोग,दिमाग, फेंफडे, जीभ, बुद्धि, वाणी का विचार किया जाता है | बुध ग्रह को तर्क शक्ति, संचार और मित्र का कारक माना गया है।

कुंडली में सूर्य और बुध की युति को बुधादित्य योग भी कहा जाता है। Sun and Mercury in Fifth House - सूर्य और बुध पांचवें घर में बलवान होकर बैठे हों तो ऐसा व्यक्ति बेहद रचनात्मक और कलात्मक रूचि वाला हो सकता है। लेखन और मनोरंजन की दुनिया में सफलता के झंडे गाड़ सकता है। पांचवां घर रोमांस का घर है इसलिए ऐसे व्यक्ति का लेखन रोमांटिक विषयों को लेकर हो सकता है। अभिनय की दुनिया में नाम कमा सकता है। कोई न कोई कौशल जरूर होता है। ऐसे व्यक्ति दोस्तों से घिरे हो सकते हैं और सट्टे आदि से फायदा उठा सकते हैं । ऐसे व्यक्ति शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अच्छा कर सकते हैं और कला के क्षेत्र में कुछ अनूठा कर सकते है। अगर मनोरंजन व्यवसाय से जुड़े हों तो असीम धन और ख्याति प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा व्यक्ति रिसर्च और विश्लेषण करने में माहिर हो सकता है। उसकी सूक्ष्म दृष्टि और विचारों की गहराई एक नई सोच को जन्म दे सकती है। किसी भी प्रोजेक्ट को एक नई दिशा दे सकते हैं। ऐसे लोग सीखने की कला जानते हैं और ग्रहणशील होते हैं, इसलिए किसी भी नए विचार के लिए तैयार रहते हैं।ऐसे लोगों का समाज में दबदबा बना रहता है या समाज में अपनी मान्यता के लिए संघर्ष करते रहते हैं ।
Sun and Mercury in Fifth House - सूर्य और बुध पांचवें घर में
बलवान होकर बैठे हों तो ऐसा व्यक्ति राजनीति में नाम कमा सकता है ,एक मुकाम हासिल कर सकता है। व्यक्ति को कूटनीति में माहिर बना सकता है। ऐसे लोग जोड़तोड़ में माहिर हो सकते हैं। दूसरे ग्रहों का साथ मिल रहा हो तो व्यक्ति को मंत्री पद दिला सकता है। ऐसे जातकों में दूसरों की सहायता करने का गुण पाया जाता है जो कि कई बार इनके लिए हानि का कारण बन जाता है। हालाँकि ये अपनी भावनाओं को दबाकर रखते हैं लेकिन यदि किसी बात को मन में ठान लें तो उसे ये बड़ी ख़ूबसूरती से अंजाम देते हैं। स्वभाव से ये परफ़ेक्शनिस्ट, आलोचक एवं रूढ़िवादी विचार के होते हैं। लेकिन भावनाओं को लेकर ऐसे व्यक्ति बहुत संतुलित होते हैं और दिल -दिमाग के बीच एक संतुलन रखते हैं इसलिए ऐसे व्यक्ति प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता नहीं ला पाते , अगर दूसरे ग्रहों की अनुकूलता नहीं हो तो प्रेम संबंधों में असफलता मिल सकती है।


Sun and Mercury in Fifth House - सूर्य और बुध पांचवें घर में
बलवान होकर बैठे हों तो ऐसे लोगों में जन्मजात नेतृत्व के गुण होते हैं लेकिन अक्सर देखने में आया है कि ऐसे लोग टीम भावना का ख्याल नहीं रखते और खुद ही सर्वे सर्वा बनकर काम करना पसंद करते हैं। रोमांस के मामलों में इनको आसानी से भड़काया जा सकता है। व्यक्ति को कई भाषाओँ का जानकार बना सकता है , गणित और चिकित्सा क्षेत्र में रूचि हो सकती है और सफलता भी मिल सकती है इसके अलावा ज्योतिष में भी रूचि हो सकती है।इनको प्राचीन ग्रंथों के अध्ययन और मनन में रूचि हो सकती है। बच्चों के मामले में ऐसे व्यक्ति भाग्यशाली हो सकते हैं। इनका सोशल नेटवर्क बेहद मजबूत हो सकता है। ऐसे लोग तीव्र गति से सोचने वाले और प्रतिक्रियावादी होते हैं | कुल मिलाकर ऐसे जातक अच्छे समीक्षक होते हैं और वफ़ादार साथी होते हैं।

कुंडली में Sun and Mercury in Fifth House - सूर्य और बुध पांचवें घर में अगर कमजोर होकर बैठे हों और इनकी युति के नकारात्मक परिणामों की बात करें तो ऐसे व्यक्तियों की तुलना ऐसे बच्चे से की जा सकती है जो अच्छे अच्छे सपने देखता है , कुछ खेलना चाहता है अपने दोस्तों को बुलाना चाहता है लेकिन अचानक सभी दोस्त उसको नजर अंदाज कर देते हैं और उसके साथ खेलने से भी मना कर देते हैं।अक्सर ऐसे लोगों को अपने मित्रों से सहयोग नहीं मिल पाता या उसके मित्र उसको नजरअंदाज कर देते हैं। दोस्तों की गलत संगत में जा सकता है जुआ या सट्टा आदि से नुक्सान करा सकता है शिक्षा या विद्या में कमी महसूस कर सकता है ,अपने आपको पीड़ित महसूस कर सकता है हर समय चिंतित रह सकता है या कुंठा में जीने पर मजबूर हो सकता है , राजनीति में व्यर्थ धन और समय खर्च कर सकता है। प्रेमसंबंधों में उतावला हो सकता है और वासना से घिरा हो सकता है। घटिया साहित्य में रूचि ले सकता है। मनोरंजन में कला के निम्नतम रूप में शामिल हो सकता है। व्यक्ति अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाने से चूक जाता है। उनका ध्यान एक साथ कई विषयों में लगा हो सकता है लेकिन अपनी जल्दबाजी के चलते और फोकस की कमी के चलते सफल नहीं हो पाते। अपने आपको अभिव्यक्त करने में परेशानी हो सकती है।

कुंडली में Sun and Mercury in Fifth House - सूर्य और बुध पांचवें घर में अगर कमजोर होकर बैठे हों तो ऐसे व्यक्ति शिक्षा ग्रहण करने में कम रूचि ले सकते है। ऐसे लोगों की शिक्षा अधूरी रह सकती है। ज्ञानी होने का दिखावा कर सकते हैं। अक्सर ऐसे लोगों के मल्टीप्ल अफेयर हो सकते हैं, बदनामी हो सकती है। प्रेम संबंधों में असफलता मिलती है। धीरे धीरे ऐसे लोग सामाजिक जीवन में लोगों से दूर होते चले जाते हैं।ऐसे लोगों को आंत और कब्ज की शिकायत हो सकती है इसके अलावा यौन अंगों में परेशानी हो सकती है सरकार से धन सम्बन्धी हानि होने का खतरा बना रह सकता है। संतान सम्बन्धी परेशानी हो सकती है। पेट सम्बन्धी बीमारियां हो सकती हैं।

बुधादित्य योग के सकारात्मक परिणाम तभी मिलते हैं जब कुंडली में दूसरे ग्रहों का साथ मिल रहा हो।बुधादित्य योग के नकारात्मक परिणाम भी तभी मिलते हैं जब कुंडली में दूसरे ग्रहों का साथ नहीं मिल रहा हो। सूर्य और बुध ग्रह से सम्बंधित मानसिक बदलावों और उपायों से इसके नेगेटिव इफेक्ट्स को कम किया जा सकता है।

अकेले बुधादित्य योग के आधार पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए , उसके लिए पूरी कुंडली का विश्लेषण जरुरी है |

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