सूर्य और बुध चौथे घर में – Sun and Mercury in Fourth House

सूर्य और बुध चौथे घर में - Sun and Mercury in Fourth House

हमारा विषय है : सूर्य और बुध चौथे घर में - Sun and Mercury in Fourth House हों तो क्या परिणाम मिलते हैं | - वैदिक ज्योतिष के अनुसार चौथे भाव से माता, घर, मित्र, सुगंधी , जेवर, सुख, उच्च शिक्षा, सवारी, लक्ज़री, वाहन, पानी, नदी आदि का विचार किया जाता है | इसे केंद्र भाव भी कहा जाता है |

कुंडली में सूर्य ग्रह को ऊर्जा, पिता, आत्मा का कारक माना जाता है। सभी ग्रहों का राजा भी सूर्य है। इसके अलावा कुंडली में व्यक्तित्व ,पिता,वैद,प्रतिष्ठा , सोना, ताम्बा ,युद्ध में विजय, सुख, राजसेवक, ताक़त,देवस्थान, जंगल,पहाड़, पित्त प्रकृति आदि का विचार सूर्य से किया जाता है |सूर्य हमारे अहंकार, सम्मान, प्रसिद्धि और शक्ति का सूचक है। सांसारिक मामलों में सफलता ,क्रियाशीलता, महत्वाकांक्षा आदि का प्रतिनिधित्व भी सूर्य देव ही करते हैं। सूर्य हमें जीवनी शक्ति के साथ साथ प्रतिरोधक क्षमता भी देता है। सूर्य ग्रह से चिकित्सा का ज्ञान मिलता है। वह जन्मजात लीडर होता है । सूर्य ग्रह अग्नि तत्व, पुरुष जाती, पूर्व दिशा का स्वामी, स्वभाव से प्रचंड और दिन में बलि होता है |वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में सूर्य मेष राशि में 10 अंश तक उच्च और तुला राशि में नीच का होता है | सूर्य को मेष,सिंह,मीन और धनु राशियों में अच्छा माना जाता है इसके अलावा कर्क और वृश्चिक राशियों में भी सूर्य के सकारात्मक परिणाम मिलते हैं । सूर्य का रत्न माणिक्य होता है | सूर्य से रक्त, पित विकार, अतिसार, पेट की बीमारी ,सिर दर्द, नेत्र रोग, ज्वर, ह्रदय रोग आदि का विचार किया जाता है | जातक की कुंडली में जब सूर्य की स्थिति मजबूत होती है तो उसे बहुत से फायदे मिलते हैं। उसे अच्छी नौकरी, सम्मान और उच्च पद प्राप्त होता है।

वहीँ बुध ग्रह से गणित, संपादन, प्रकाशन, खेल,ज्योतिष, कानून, व्यवसाय, लेखन कार्य, अध्यापन, वात, पित, कफ , कला, निपुणता, सत्य वचन, शिल्पकला, मीडिया, मित्र, हरे रंग का विचार किया जाता है | बुध कन्या राशि में उच्च तथा मीन राशि में नीच माना गया है साथ ही साथ बुद्धि, मित्र सुख और चतुर्थ भाव का कारक भी होता है । बुध ग्रह पारे की तरह होता है इसलिए इन्हें समझना थोड़ा मुश्किल होता है , क्योंकि ये एक क्षण में गुस्सा करते हैं और दूसरे पल शांत हो जाते हैं | बुध ग्रह को स्पष्टवक्ता, रजोगुणी, पृथ्वी तत्व, नपुंसक ग्रह माना गया है | ये पापी ग्रहों के साथ पापी एवं शुभ ग्रहों के साथ शुभ फल देता है इसके अलावा यह उत्तर दिशा , कन्या एवं मिथुन राशियों का स्वामी होता है | बुध ग्रह से शरीर की स्नायु तंत्र प्रक्रिया, अस्थमा, गूंगापन, मतिभ्रम, नाड़ी कंपन, चर्मरोग,दिमाग, फेंफडे, जीभ, बुद्धि, वाणी का विचार किया जाता है | बुध ग्रह को तर्क शक्ति, संचार और मित्र का कारक माना गया है।

कुंडली में सूर्य और बुध की युति को बुधादित्य योग भी कहा जाता है। सूर्य और बुध चौथे घर में - Sun and Mercury in Fourth House बलवान होकर चौथे घर में बैठे हों तो व्यक्ति भूमि और रियल एस्टेट से जुड़े कामों से सफलता पा सकता है। ये स्थान केंद्र स्थान है और जीवन के प्रारंभिक वर्षों का लेखा जोखा भी यही से देखा जा सकता है। कुछ संघर्षों के बाद घर और वाहन का सुख मिलता है। ऐसे व्यक्ति अपने दृष्टिकोण पर अडिग रहते हैं। व्यक्ति में सीखने की क्षमता और जीवन में आगे बढ़ने की ताकत दे सकता है। मूल रूप से उसका स्वभाव शिक्षा के क्षेत्र की तरफ हो सकता है अगर बृहस्पति ग्रह का साथ मिल जाये तो साहित्य के क्षेत्र में जबरदस्त सफलता दिला सकता है। किसी शिक्षण संस्थान की स्थापना कर सकता है या किसी शिक्षण संस्थान में उच्च पद पर बैठा हो सकता है। ऐसे लोग अपने एकेडेमिक्स पर बहुत ध्यान दे सकते हैं। व्यक्ति अपना वर्चस्व बनाये रखना चाहता है और अक्सर देखा गया है कि उसका पिता सामाजिक या राजनीतिक तौर पर एक स्थापित नाम हो सकता है।विदेशों में कारोबार से लाभ कमा सकता है। अक्सर देखा गया है कि ऐसे लोगों का जीवन उम्र बढ़ने के साथ साथ ज्ञान बांटने के लिए बेचैन होने लगता है। इसलिए इनके पास ज्ञान बांटने के लिए लोगों का साथ होना बहुत जरुरी है। जीवन में गतिशील बने रहना इनकी फितरत होती है, विचारवान व्यक्ति होते हैं ।

सूर्य और बुध चौथे घर में - Sun and Mercury in Fourth House बलवान होकर चौथे घर में बैठे हों तो ऐसे लोगों के दिमाग में बहुत से विचार चलते रहते हैं , बेचैनी हो सकती है , लेकिन चेहरे से शांत नजर आ सकते हैं। ऐसे लोग ग्रहणशील हो सकते हैं और ऑब्जरवेशन इनका सीखने का सबसे बड़ा जरिया हो सकता है। एक अच्छे आब्जर्वर होने के कारण ऐसे लोगों में एक इनबिल्ट प्रतिभा होती है जिसके बल पर इनको लोगों को पहचानने की अद्भुत क्षमता हो सकती है। ऐसे लोगों का जुड़ाव अपनी माँ के साथ बहुत अच्छा होता है। अगर इनका लगाव नहीं भी हो तो भी इनकी माँ का लगाव इनके प्रति बेहद अच्छा होता है।

कुंडली में Sun and Mercury in Fourth House - सूर्य और बुध चौथे घर में कमजोर होकर बैठें हो तो उसके नकारात्मक परिणाम भी हो सकते है। ऐसा व्यक्ति दूसरे लोगों पर अपने विचारों को थोप सकता है। व्यक्ति की औपचारिक शिक्षा में बाधा आ सकती है। लोगों के बारे में गलत धारणा बना सकता है। बार बार थूकने की गन्दी आदत हो सकती है। हर वक्त बेचैन रह सकता है। बेचैनी की वजह से एक ही जगह पर बैठना मुश्किल हो सकता है। आत्मविश्वास के नाम पर अहंकारी हो सकता है। व्यक्ति के पारिवारिक जीवन में कलह करा सकता है, अपने पिता से अनबन बनी रह सकती है। सीखने में जल्दबाजी के कारण उसको लग सकता है कि वो सीख गया है लेकिन जब सीखे हुए ज्ञान की अभिव्यक्ति की बारी आती है तब वो शुन्य में झाँकने लगता है। इसलिए जीवन में फोकस बहुत जरुरी है। इनको एक ही चीज पर फोकस करने में दिक्कत हो सकती है।धन को लेकर भाई बहनों से विवाद हो सकता है। हमेशा असंतुष्ट बना रह सकता है। माता के सुख में कमी आ सकती है । धन आगमन में कठिनाइओं का सामना करना पड़ सकता है। बार बार नौकरी बदलना मजबूरी बन सकती है या नौकरी के लिए भटकना पड़ सकता है। जमीन से जुड़े मामलों में नुक्सान उठाना पड़ सकता है।इनको छाती से जुड़े रोग होने की प्रबल संभावना रहती है इसके अलावा तंत्रिका तंत्र से जुड़े विकार भी हो सकते हैं।

कुंडली में Sun and Mercury in Fourth House - चौथे घर में बैठे सूर्य और बुध ग्रह के अशुभ परिणाम तभी मिलते हैं जब दूसरे ग्रहों का साथ नहीं मिल रहा हो। सूर्य और बुध ग्रह के शुभ परिणाम भी तभी मिलते हैं जब दूसरे ग्रहों का साथ मिल रहा हो। दोनों ग्रहों से सम्बंधित कुछ मानसिक उपायों से अशुभ परिणामों को कम किया जा सकता है।

अकेले बुधादित्य योग के आधार पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए , उसके लिए पूरी कुंडली का विश्लेषण जरुरी है |

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