सूर्य और बुध नवें घर में – Sun and Mercury in Ninth House
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- Posted in Planetry Conjunctions
- On April 18, 2021
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सूर्य और बुध नवें घर में - Sun and Mercury in Ninth House
हमारा विषय है : सूर्य और बुध नवें घर में - Sun and Mercury in Ninth House हों तो क्या परिणाम हो सकते हैं - वैदिक ज्योतिष के अनुसार नवें घर से गुरु, देवता, पिता, भाग्य, उत्तम कर्म , जंघा, ग्रैंडसन का विचार किया जाता है | इसे त्रिकोण और भाग्य भाव भी कहा जाता है | नवें घर से कानून,न्याय व्यवस्था का भी विचार किया जाता है।
कुंडली में सूर्य ग्रह को ऊर्जा, पिता, आत्मा का कारक माना जाता है। सभी ग्रहों का राजा भी सूर्य है। इसके अलावा कुंडली में व्यक्तित्व ,पिता,वैद,प्रतिष्ठा , सोना, ताम्बा ,युद्ध में विजय, सुख, राजसेवक, ताक़त,देवस्थान, जंगल,पहाड़, पित्त प्रकृति आदि का विचार सूर्य से किया जाता है |सूर्य हमारे अहंकार, सम्मान, प्रसिद्धि और शक्ति का सूचक है। सूर्य ग्रह अग्नि तत्व, पुरुष जाती, पूर्व दिशा का स्वामी, स्वभाव से प्रचंड और दिन में बलि होता है |वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में सूर्य मेष राशि में 10 अंश तक उच्च और तुला राशि में नीच का होता है | सूर्य का रत्न माणिक्य होता है | सूर्य से रक्त, पित विकार, अतिसार, पेट की बीमारी ,सिर दर्द, नेत्र रोग, ज्वर, ह्रदय रोग आदि का विचार किया जाता है |
वहीँ बुध ग्रह से गणित, संपादन, प्रकाशन, खेल,ज्योतिष, कानून, व्यवसाय, लेखन कार्य, अध्यापन, वात, पित, कफ , कला, निपुणता, सत्य वचन, शिल्पकला, मीडिया, मित्र, हरे रंग का विचार किया जाता है | बुध कन्या राशि में उच्च तथा मीन राशि में नीच माना गया है साथ ही साथ बुद्धि, मित्र सुख और चतुर्थ भाव का कारक भी होता है । बुध ग्रह को स्पष्टवक्ता, रजोगुणी, पृथ्वी तत्व, नपुंसक ग्रह माना गया है | ये पापी ग्रहों के साथ पापी एवं शुभ ग्रहों के साथ शुभ फल देता है इसके अलावा यह उत्तर दिशा , कन्या एवं मिथुन राशियों का स्वामी होता है | बुध ग्रह से शरीर की स्नायु तंत्र प्रक्रिया, अस्थमा, गूंगापन, मतिभ्रम, नाड़ी कंपन, चर्मरोग,दिमाग, फेंफडे, जीभ, बुद्धि, वाणी का विचार किया जाता है | बुध ग्रह को तर्क शक्ति, संचार और मित्र का कारक माना गया है।
कुंडली में सूर्य और बुध की युति को बुधादित्य योग भी कहा जाता है। कुंडली में सूर्य और बुध नवें घर में - Sun and Mercury in Ninth House अगर बलवान होकर बैठे हों तो ऐसा योग व्यक्ति को कानून के क्षेत्र में सफलता दिला सकता है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी सफलता दिला सकता है। ऐसा व्यक्ति विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए जा सकता है। दर्शन के ग्रंथों का अध्ययन मनन कर सकता है। ऐसे व्यक्ति लम्बी लम्बी यात्राएं कर सकते हैं वो धर्म और उसके प्रसार के लिए भी हो सकती हैं। ऐसे व्यक्ति विभिन्न संस्कृतियों में रूचि ले सकते हैं और उनके वृत्तांत बड़े ही दिलचस्प हो सकते हैं। धर्म-ध्वजा का रक्षक, धर्माधिकारी या धर्म का पालन करने वाला हो सकता है। ऐसा व्यक्ति आदर्शवादी हो सकता है, नैतिक भी हो सकता है साथ ही साथ अपने निश्चित लक्ष्य की तरफ बढ़ने वाला होता है।
कुंडली में सूर्य और बुध नवें घर में - Sun and Mercury in Ninth House अगर बलवान होकर बैठे हों तो व्यक्ति को विश्लेषण की क्षमता तो देता ही है जिसमे आत्मविश्लेषण भी शामिल है , इसके साथ साथ कई चीजों के आपसी संबंधों को देखने की सूक्ष्म दृष्टि भी दे सकता है। जिसके कारण ऐसे व्यक्ति कार्य और कारण को खोज पाने की अद्भुत प्रतिभा के धनी हो सकते हैं। ये योग व्यक्ति को वैज्ञानिक और तार्किक चिंतन का धनी बनाता है। ऐसे लोग अपनी औपचारिक शिक्षा या एकेडेमिक्स की तरफ बहुत ज्यादा ध्यान दे सकते हैं। कई भाषाओँ का जानकार बना सकता है ।अक्सर देखने में आया है कि ऐसे लोग यात्राएं बहुत करते हैं और उन यात्राओं से लाभ भी उठाते हैं खासकर चिकित्सा और रिसर्च से जुड़े क्षेत्रों के लोगों को सफल होते देखा गया है। अगर दूसरे ग्रहों का साथ भी मिल रहा हो तो अच्छे शिक्षक या किसी धार्मिक संस्था के प्रमुख हो सकते हैं। ऐसे लोग समाज में अपना अलग स्थान बनाने में कामयाब होते हैं। ऐसे लोग दूरदर्शी होने के साथ साथ धर्म या शिक्षा के प्रचार में रूचि लेते हैं और अच्छा योगदान देते हैं जिससे समाज को एक नयी दिशा मिल सकती है।ऐसे लोगों का अपना दृष्टिकोण होता है और ऊँचे सपने देखने वाले होते हैं।
कुंडली में सूर्य और बुध नवें घर में - Sun and Mercury in Ninth House अगर कमजोर होकर बैठे हों तो उसके नकारात्मक परिणाम भी मिल सकते हैं। ऐसे व्यक्ति अपने गुरुजनों का अनादर कर सकते हैं। अपने भाई बहनो से सम्बन्ध खराब हो सकते हैं। शिक्षा अधूरी रह सकती है या औपचारिक शिक्षा में बाधा आ सकती है। व्यवहार में जल्दबाजी या अपने विचारों को बार बार बदलने की प्रवृत्ति हो सकती है। व्यर्थ की यात्राएं कर सकता है या यात्राओं से कोई नुक्सान हो सकता है। व्यक्ति के व्यवहार में आडम्बर हो सकता है। ऐसे व्यक्ति अधर्म का साथ देने वाले हो सकते हैं , दंगा फसाद कराने में रूचि हो सकती है। विदेशों में देश विरोधी ताकतों के साथ मिलकर षड्यंत्र कर सकते हैं , प्रोपेगैंडा या गलत प्रचार कर सकते हैं। ऐसे लोग कानून को ताक पर रखकर काम करने वाले हो सकते हैं। अपने से बड़ों का अपमान करने वाले हो सकते हैं। समाजविरोधी कार्यों में लिप्त हो सकते हैं। गले से सम्बंधित या तंत्रिका तंत्र से जुड़े रोगों के प्रति सावधान रहना चाहिए।
बुधादित्य योग के सकारात्मक परिणाम तभी मिलते हैं जब कुंडली में दूसरे ग्रहों का साथ मिल रहा हो।बुधादित्य योग के नकारात्मक परिणाम भी तभी मिलते हैं जब कुंडली में दूसरे ग्रहों का साथ नहीं मिल रहा हो। सूर्य और बुध ग्रह से सम्बंधित मानसिक बदलावों और उपायों से इसके नेगेटिव इफेक्ट्स को कम किया जा सकता है।
अकेले बुधादित्य योग के आधार पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए , उसके लिए पूरी कुंडली का विश्लेषण जरुरी है |