सूर्य और बुध सातवें घर में – Sun and Mercury in Seventh House

सूर्य और बुध सातवें घर में - Sun and Mercury in Seventh House

हमारा विषय है : सूर्य और बुध सातवें घर में - Sun and Mercury in Seventh House हों तो क्या परिणाम मिलते हैं - वैदिक ज्योतिष के अनुसार सातवें भाव से पति-पत्नी, सेक्स, पार्टनरशिप , लीगल कॉन्ट्रैक्ट आदि का विचार किया जाता है| इस भाव को केंद्र स्थान और मारक भाव भी कहा जाता है |

कुंडली में सूर्य ग्रह को ऊर्जा, पिता, आत्मा का कारक माना जाता है। इसके अलावा सूर्य ग्रह से सुख, प्रताप, राजसेवा, ताम्बा, सोना, शुभ फल, धैर्य, शौर्य, युद्ध में विजय, कार्य में प्रवृत्ति ,तीक्ष्णता उत्साह आदि का विचार किया जाता है।व्यक्तित्व ,वैद, प्रतिष्ठा ,ताक़त,देवस्थान,जंगल,पहाड़, पित्त प्रकृति आदि का विचार सूर्य से किया जाता है |सूर्य से रक्त, पित विकार, अतिसार, पेट की बीमारी ,सिर दर्द, नेत्र रोग, ज्वर, ह्रदय रोग आदि का विचार किया जाता है | सूर्य हमारे अहंकार, सम्मान, प्रसिद्धि और शक्ति का सूचक है। सूर्य ग्रह अग्नि तत्व, पुरुष जाती, पूर्व दिशा का स्वामी, स्वभाव से प्रचंड और दिन में बलि होता है |वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में सूर्य मेष राशि में 10 अंश तक उच्च और तुला राशि में नीच का होता है | सूर्य का रत्न माणिक्य होता है |

वहीँ बुध ग्रह से शरीर की स्नायु तंत्र प्रक्रिया, अस्थमा, गूंगापन, मतिभ्रम, नाड़ी कंपन, चर्मरोग,दिमाग, फेंफडे, जीभ, बुद्धि, वाणी का विचार किया जाता है | बुध ग्रह को तर्क शक्ति, संचार और मित्र का कारक भी माना गया है। बुध ग्रह को स्पष्टवक्ता, रजोगुणी, पृथ्वी तत्व, नपुंसक ग्रह माना गया है | बुध ग्रह से गणित, संपादन, प्रकाशन, खेल,ज्योतिष, कानून, व्यवसाय, लेखन कार्य, अध्यापन, वात, पित, कफ , कला, निपुणता, सत्य वचन, शिल्पकला, मीडिया, मित्र, हरे रंग का विचार किया जाता है | ये पापी ग्रहों के साथ पापी एवं शुभ ग्रहों के साथ शुभ फल देता है। बुध कन्या राशि में उच्च तथा मीन राशि में नीच माना गया है साथ ही साथ बुद्धि, मित्र सुख और चतुर्थ भाव का कारक भी होता है । इसके अलावा यह उत्तर दिशा , कन्या एवं मिथुन राशियों का स्वामी होता है |

कुंडली में सूर्य और बुध इकट्ठे बैठे हों तो इस युति को बुधादित्य योग भी कहा जाता है। सूर्य और बुध सातवें घर में - Sun and Mercury in Seventh House अगर बलवान होकर बैठे हो तो व्यक्ति अपनी प्रतिभा के बल पर प्रसिद्दि पा सकता है, व्यापार में सफलता मिलती है। ये योग व्यक्ति को चुम्बकीय व्यक्तित्व देता है , समाज में अच्छे सम्बन्ध बनाता है और यश का भागीदार बनता है ऐसे लोगों का व्यवहार बहुत सकारात्मक हो सकता है और उनका दृष्टिकोण भी आशावादी हो सकता है। ऐसे व्यक्ति अपने नए-नए विचारों से भी जाने जा सकते हैं और समाज के लिए एक अच्छे गाइड की भूमिका निभा सकते हैं इसलिए ऐसे लोगों को राजनीति या चिकित्सा के क्षेत्र में आसानी से सफलता मिल सकती है। लोगों को उस व्यक्ति में अहंकार नज़र आ सकता है , हालाँकि ये जरुरी नहीं है कि वो वास्तव में अहंकारी हों लेकिन ऐसा लोगों को इसलिए लग सकता है क्योंकि ऐसे लोग अक्सर दृढ इच्छाशक्ति और विचारधारा पर अडिग रहने वाले होते हैं और दूसरे के विचारों की परवाह कम ही करते हैं।

सूर्य और बुध सातवें घर में - Sun and Mercury in Seventh House अगर बलवान होकर बैठे हो तो ऐसे व्यक्ति बुद्धिमान होते हैं और उनकी कम्युनिकेशन स्किल्स बहुत ही शानदार होती है लेकिन अगर दूसरे ग्रहों का साथ नहीं मिल रहा हो तो एक दूसरे के लिए भ्र्म की स्थिति पैदा कर सकते हैं। ऐसे में पार्टनर के साथ, व्यापारी साझेदार के साथ वाद विवाद की स्थिति बन सकती है। लेकिन अगर दूसरे ग्रहों का साथ मिल रहा हो तो अपने सेंस ऑफ़ हूयमर से बातों को संभाल सकता है। ऐसा व्यक्ति नई चीजों, नए विचारों की तलाश में रहता है। अपने विचार भी बहुत जल्दी जल्दी बदल सकता है।ऐसे लोगों के लिए जीवन साथी का चुनाव बहुत मुश्किल हो सकता है। ऐसे लोग विनम्र और मृदुभाषी होते हैं संयमित रहते हैं और किसी भी समस्या के समाधान के लिए तर्कसंगत उपाय खोजने वाले होते हैं । इनमे इतनी क्षमता होती है कि किसी मुद्दे को समझ सकें और सबसे कठिन से कठिन समस्या का हल कर सकें, इनकी विनम्रता को कभी कभी कमजोरी और जोड़तोड़ वाला मान लिया जाता है।

सूर्य और बुध सातवें घर में - Sun and Mercury in Seventh House अगर बलवान होकर बैठे हो तो ऐसे लोग सोचसमझकर दोस्ती करना पसंद करते हैं। ऐसे लोगों को यौन अंगों में परेशानी हो सकती है। ऐसे जातकों में दूसरों की सहायता करने का गुण पाया जाता है जो की कई बार इनके लिए हानि का कारण बन जाता है। हालाँकि ये अपनी भावनाओं को दबाकर रखते हैं लेकिन यदि किसी बात को मन में ठान लें तो उसे ये बड़ी ख़ूबसूरती से अंजाम देते हैं। स्वभाव से ये परफ़ेक्शनिस्ट, आलोचक एवं प्रोग्रेसिव विचार के होते हैं। ऐसे व्यक्ति तीव्र गति से सोचने वाले और प्रतिक्रियावादी होते हैं | कुल मिलकर ऐसे जातक अच्छे समीक्षक होते हैं और वफ़ादार साथी होते हैं। ऐसे लोगों को कॉन्ट्रैक्ट या लीगल पेपर्स को ध्यान से पढ़ लेना चाहिए।

कुंडली में दूसरे ग्रहों का साथ नहीं मिल रहा हो तो सातवें घर में बन रहे बुधादित्य योग के कुछ नकारात्मक परिणाम भी हो सकते हैं। कमजोर बुधादित्य योग के नकारात्मक पक्ष की बात करें तो ऐसे लोगों की जीवन साथी के साथ पटरी नहीं बैठ पाती। व्यापार और साझेदारी में भी विवाद बना रह सकता है। ऐसे लोगों के विवाह के अतिरिक्त प्रेम सम्बन्ध हो सकते हैं। इनकी सार्वजनिक छवि एक बुरे इंसान के रूप में हो सकती है। ऐसे लोग द्विअर्थी बातें बोल सकते हैं। ऐसे लोग दूसरों की बातों को नजरअंदाज कर सकते हैं। दूसरों के दृष्टिकोण को समझने में कोई दिलचस्पी नहीं लेते।

सूर्य और बुध सातवें घर में - Sun and Mercury in Seventh House अगर कमजोर होकर बैठे हो तो ऐसे व्यक्ति अक्सर अपने लिए बोलने वालों और अपनी तारीफ करने वालों का जमावड़ा लगाए रखना पसंद कर सकते हैं।विवाह और व्यापार में बाधा बन सकता है, कानूनी अड़चनों के कारण परेशानी हो सकती है। इनका कभी सख्त और कभी चापलूस पसंद व्यवहार लोगों को कन्फूज़ भी कर सकता है जिसके कारण इनके रिश्तों में खटास आ सकती है, खासकर व्यापारिक मामलों में कई बार दिक्कत आ सकती है । कारोबार में फ्लेक्सिबिलिटी की जरुरत पड़ती है लेकिन ऐसे लोग अपनी बात पर अड़े रहने के चलते अक्सर अच्छे सौदे या कॉन्ट्रैक्ट गँवा सकते हैं। प्रेम संबंधों में ऐसे व्यक्ति दिल की कम अपनी दिमागी सन्तुष्टता चाहते हैं या विचारों का समर्थन भर चाह सकते हैं जिसके कारण पार्टनर को इनसे बोरियत हो सकती है और अक्सर ऐसे लोग अच्छे प्रेमी साबित नहीं हो पाते। विवाह में भी अपने विचारों के कारण ही बाधाएं खड़ी कर सकते हैं, क्योंकि ऐसे लोग अपने पार्टनर पर पूरा कब्ज़ा कर लेना चाहते हैं ,एक सहज व्यवहार इनके लिए कठिन हो सकता है। इसके अलावा कभी कभी घबराहट,निराशावाद,दब्बूपन और अधीरता की प्रवृति आ सकती है। ऐसे लोगों को तंत्रिका तंत्र और यौन रोगों से संबंधित समस्या हो सकती है।

बुधादित्य योग के सकारात्मक परिणाम तभी मिलते हैं जब कुंडली में दूसरे ग्रहों का साथ मिल रहा हो।बुधादित्य योग के नकारात्मक परिणाम भी तभी मिलते हैं जब कुंडली में दूसरे ग्रहों का साथ नहीं मिल रहा हो। सूर्य और बुध ग्रह से सम्बंधित मानसिक बदलावों और उपायों से इसके नेगेटिव इफेक्ट्स को कम किया जा सकता है।

अकेले बुधादित्य योग के आधार पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए , उसके लिए पूरी कुंडली का विश्लेषण जरुरी है |

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