सूर्य और बुध तीसरे घर में – Sun and Mercury in Third House
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- Posted in Planetry Conjunctions
- On March 22, 2021
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सूर्य और बुध तीसरे घर में - Sun and Mercury in Third House
हमारा विषय है : सूर्य और बुध तीसरे घर में - Sun and Mercury in Third House - वैदिक ज्योतिष के अनुसार तीसरे भाव से हिम्मत, वीरता ,गला , नौकर-चाकर , भाई बहिन आदि का विचार किया जाता है | 3,6,11 घरों को दुश्चिक्य भाव भी कहा जाता है | इस घर से मजबूत इच्छाशक्ति का भी विचार किया जाता है और आज के सन्दर्भ में सोशल मीडिया और संचार का विचार भी इसी घर से किया जाना चाहिए।
सूर्य के प्रकाश से ही सब प्रकाशित है | कुंडली में सूर्य ग्रह को ऊर्जा, पिता, आत्मा का कारक माना जाता है। सभी ग्रहों का राजा भी सूर्य है। इसके अलावा कुंडली में व्यक्तित्व ,पिता,वैद,प्रतिष्ठा , सोना, ताम्बा ,युद्ध में विजय, सुख, राजसेवक, ताक़त,देवस्थान, जंगल,पहाड़, पित्त प्रकृति आदि का विचार सूर्य से किया जाता है |सूर्य हमारे अहंकार, सम्मान, प्रसिद्धि और शक्ति का सूचक है। सांसारिक मामलों में सफलता ,क्रियाशीलता, महत्वाकांक्षा आदि का प्रतिनिधित्व भी सूर्य देव ही करते हैं। सूर्य हमें जीवनी शक्ति के साथ साथ प्रतिरोधक क्षमता भी देता है। सूर्य ग्रह से चिकित्सा का ज्ञान मिलता है। हमारी रीढ़ विशेष रूप से सूर्य से प्रभावित है जिसके दोनों तरफ इड़ा(चंद्र) और पिंगला(सूर्य) नाड़ी है । चन्द्रमा , मंगल और बृहस्पति इसके प्राकृतिक मित्र ग्रह हैं। जातक की कुंडली में जब सूर्य की स्थिति मजबूत होती है तो उसे बहुत से फायदे मिलते हैं। उसे अच्छी नौकरी, सम्मान और उच्च पद प्राप्त होता है। वह जन्मजात लीडर होता है । सूर्य ग्रह अग्नि तत्व, पुरुष जाती, पूर्व दिशा का स्वामी, स्वभाव से प्रचंड और दिन में बलि होता है |वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में सूर्य मेष राशि में 10 अंश तक उच्च और तुला राशि में नीच का होता है | सूर्य को मेष,सिंह,मीन और धनु राशियों में अच्छा माना जाता है इसके अलावा कर्क और वृश्चिक राशियों में भी सूर्य के सकारात्मक परिणाम मिलते हैं । सूर्य का रत्न माणिक्य होता है | सूर्य से रक्त, पित विकार, अतिसार, पेट की बीमारी ,सिर दर्द, नेत्र रोग, ज्वर, ह्रदय रोग आदि का विचार किया जाता है |
वहीँ बुध ग्रह से गणित, संपादन, प्रकाशन, खेल,ज्योतिष, कानून, व्यवसाय, लेखन कार्य, अध्यापन, वात, पित, कफ , कला, निपुणता, सत्य वचन, शिल्पकला, मीडिया, मित्र, हरे रंग का विचार किया जाता है | बुध कन्या राशि में उच्च तथा मीन राशि में नीच माना गया है साथ ही साथ बुद्धि, मित्र सुख और चतुर्थ भाव का कारक भी होता है । बुध ग्रह पारे की तरह होता है इसलिए इन्हें समझना थोड़ा मुश्किल होता है , क्योंकि ये एक क्षण में गुस्सा करते हैं और दूसरे पल शांत हो जाते हैं | बुध ग्रह को स्पष्टवक्ता, रजोगुणी, पृथ्वी तत्व, नपुंसक ग्रह माना गया है | ये पापी ग्रहों के साथ पापी एवं शुभ ग्रहों के साथ शुभ फल देता है इसके अलावा यह उत्तर दिशा , कन्या एवं मिथुन राशियों का स्वामी होता है | बुध ग्रह से शरीर की स्नायु तंत्र प्रक्रिया, अस्थमा, गूंगापन, मतिभ्रम, नाड़ी कंपन, चर्मरोग,दिमाग, फेंफडे, जीभ, बुद्धि, वाणी का विचार किया जाता है | बुध ग्रह को तर्क शक्ति, संचार और मित्र का कारक माना गया है।
कुंडली के तीसरे घर में सूर्य और बुध इकठे बैठे हों तो इसे बुधादित्य योग भी कहा जाता है।कुंडली में सूर्य और बुध तीसरे घर में - Sun and Mercury in Third House बलवान होकर इकट्ठे बैठे हों तो व्यक्ति को सामाजिक संबंधों में गति दे सकती है। सामाजिक क्षेत्र में नाम कमा सकता है। मीडिया या मनोरंजन जगत में सफलता मिल सकती है। व्यक्ति अच्छा लेखक बन सकता है।अपनी रचनात्मकता से लोगों में एक अलग पहचान बना सकता है। मजबूत इच्छाशक्तिवाला ऐसा व्यक्ति अपने लक्ष्य तय करने में एकदम स्पष्ट होता है। ऐसा व्यक्ति कुशल वक्ता हो सकता है , पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना नाम कमा सकता है उसकी रिपोर्टिंग में एक उत्साह की झलक मिलेगी। अगर आज के सन्दर्भ में बात करें तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया , विज्ञापन जगत या किसी भी तरह के लेखन से भी सफलता मिल सकती है। खेल-कूद के क्षेत्र में सफलता मिल सकती है । खेल और खेल की दुनिया से जुड़े कारोबार में सफलता पा सकते हैं। ऐसे व्यक्तियों में गजब की नेतृत्व क्षमता होती है बेहतर टीम लीडर होते हैं। ऐसे व्यक्ति अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिप्राप्त लेखक या एंकर हो सकते हैं। अक्सर देखा गया है कि ऐसा व्यक्ति किसी न किसी कला में निपुण होता है। चिकित्सा , अध्यापन और वकालत के पेशे से भी ताल्लुक हो सकता है। उच्च पद पर आसीन ऐसे लोगों का पब्लिक रिलेशन बहुत ही शानदार हो सकता है।
कुंडली में सूर्य और बुध तीसरे घर में - Sun and Mercury in Third House बलवान होकर इकट्ठे बैठे हों तो व्यक्ति को चिंतन भी देता है और एक्शन भी। अगर अध्यात्म में रूचि है तो अच्छे प्रीचर हो सकते हैं। धर्म सम्बन्धी व्याख्यान देकर धन कमा सकते हैं। देश विदेश में लम्बी यात्राएं कर सकते हैं। ऐसे व्यक्ति बहुत जल्दबाज होते हैं जो इनके हर काम में दिखाई भी पड़ता है। विचारों की गहराई में जाना और उनका विश्लेषण करते रहना इनका शगल हो सकता है। अक्सर ऐसे व्यक्ति विनम्र और मृदुभाषी होते हैं संयमित रहते हैं और किसी भी समस्या के समाधान के लिए तर्कसंगत उपाय खोजने वाले होते हैं । इनमे इतनी क्षमता होती है कि किसी मुद्दे को समझ सकें और सबसे कठिन से कठिन समस्या का हल कर सकें, इनकी विनम्रता को कभी कभी कमजोरी और जोड़तोड़ वाला मान लिया जाता है। ऐसे लोग बुद्धिजीवी और स्वतंत्र होते हैं |
कुंडली में सूर्य और बुध तीसरे घर में - Sun and Mercury in Third House अगर कमजोर होकर बैठे हों तो उसके नकारात्मक परिणाम भी हो सकते है अगर दूसरे ग्रहों का साथ नहीं मिल रहा हो तो ऐसा व्यक्ति उत्साह में कमी महसूस कर सकता है। अहंकारी हो सकता है। बहिन भाइयों से संबंधों में खटास आ सकती है , अपनी बात कहने में या अपना पक्ष रखने में कठिनाई महसूस कर सकता है। ऐसे व्यक्ति कोई भी रिस्क लेने से बचना चाहेंगे। किसी भी समस्या को हल करने की बजाय उससे दूर भागना चाहेंगे। पलायन करना इनकी आदत हो सकती है। किसी सस्ते किस्म के साहित्य में रूचि हो सकती है। लिखते हुए कुछ पंक्तियाँ छोड़ देना या पूरा पैराग्राफ छोड़ देना इनकी कमजोरी हो सकता है। बात करते हुए भी रेफेरेंस छोड़ देना या कम्युनिकेशन गैप इनकी एक और कमजोरी हो सकती है।व्यर्थ की यात्राएं कर सकता है , भाग्य में बाधाएं आ सकती हैं।अपने बड़े बुजुर्गों से विरोध की भाषा बोल सकते हैं। उनसे विचारों का टकराव हो सकता है। गले का कोई रोग हो सकता है। तंत्रिका तंत्र और श्वांस से संबंधित, हड्डियों या जोड़ों से सम्बंधित या सुनने की समस्या से ऐसे जातक ग्रसित हो सकते हैं | इसके अलावा कभी कभी घबराहट,निराशावाद,दब्बूपन और अधीरता की प्रवृति आ सकती है। एनीमिया जैसे रोग समस्याएं बन सकते है।
कुंडली के तीसरेे घर में बैठे सूर्य और बुध ग्रह के अशुभ परिणाम तभी मिलते हैं जब दूसरे ग्रहों का साथ नहीं मिल रहा हो। सूर्य और बुध ग्रह के शुभ परिणाम भी तभी मिलते हैं जब दूसरे ग्रहों का साथ मिल रहा हो। दोनों ग्रहों से सम्बंधित कुछ मानसिक उपायों से अशुभ परिणामों को कम किया जा सकता है।अकेले बुधादित्य योग के आधार पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए , उसके लिए पूरी कुंडली का विश्लेषण जरुरी है |