सूर्य और बुध बारहवें घर में-Sun and Mercury in Twelfth House

सूर्य और बुध बारहवें घर में-Sun and Mercury in Twelfth House

हमारा विषय है : सूर्य और बुध बारहवें घर में - Sun and Mercury in Twelfth House हों तो क्या परिणाम हो सकते हैं -वैदिक ज्योतिष के अनुसार बारहवें घर से पैर, बांयां नेत्र, चुगलखोरी, सीक्रेट प्लान, हॉस्पिटल, एकांत, मोक्ष, एसाइलम ,शयन सुख, गुप्त सम्बन्ध, जेल आदि का विचार किया जाता है | ये घर व्यक्ति की आंतरिक प्रतिभा का भी घर है। इस घर को व्यय भाव भी कहा जाता है |

कुंडली में सूर्य ग्रह को ऊर्जा, पिता, आत्मा का कारक माना जाता है। सभी ग्रहों का राजा भी सूर्य है। इसके अलावा कुंडली में व्यक्तित्व ,पिता,वैद,प्रतिष्ठा , सोना, ताम्बा ,युद्ध में विजय, सुख, राजसेवक, ताक़त,देवस्थान, जंगल,पहाड़, पित्त प्रकृति आदि का विचार सूर्य से किया जाता है |सूर्य हमारे अहंकार, सम्मान, प्रसिद्धि और शक्ति का सूचक है। सूर्य ग्रह अग्नि तत्व, पुरुष जाती, पूर्व दिशा का स्वामी, स्वभाव से प्रचंड और दिन में बलि होता है |वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में सूर्य मेष राशि में 10 अंश तक उच्च और तुला राशि में नीच का होता है | सूर्य का रत्न माणिक्य होता है | सूर्य से रक्त, पित विकार, अतिसार, पेट की बीमारी ,सिर दर्द, नेत्र रोग, ज्वर, ह्रदय रोग आदि का विचार किया जाता है |

वहीँ बुध ग्रह से गणित, संपादन, प्रकाशन, खेल,ज्योतिष, कानून, व्यवसाय, लेखन कार्य, अध्यापन, वात, पित, कफ , कला, निपुणता, सत्य वचन, शिल्पकला, मीडिया, मित्र, हरे रंग का विचार किया जाता है | बुध कन्या राशि में उच्च तथा मीन राशि में नीच माना गया है साथ ही साथ बुद्धि, मित्र सुख और चतुर्थ भाव का कारक भी होता है । बुध ग्रह को स्पष्टवक्ता, रजोगुणी, पृथ्वी तत्व, नपुंसक ग्रह माना गया है | ये पापी ग्रहों के साथ पापी एवं शुभ ग्रहों के साथ शुभ फल देता है इसके अलावा यह उत्तर दिशा , कन्या एवं मिथुन राशियों का स्वामी होता है | बुध ग्रह से शरीर की स्नायु तंत्र प्रक्रिया, अस्थमा, गूंगापन, मतिभ्रम, नाड़ी कंपन, चर्मरोग,दिमाग, फेंफडे, जीभ, बुद्धि, वाणी का विचार किया जाता है | बुध ग्रह को तर्क शक्ति, संचार और मित्र का कारक माना गया है।

कुंडली में सूर्य और बुध की युति को बुधादित्य योग भी कहा जाता है। कुंडली में सूर्य और बुध बारहवें घर में - Sun and Mercury in Twelfth House अगर बलवान होकर बैठे हों तो ऐसे व्यक्ति विदेश जाकर सफलता पा सकते हैं खासकर कर्क या सिंह लग्न के व्यक्ति। आज के दौर में गौर से देखेंगे तो आठवें और बारहवें घर का महत्त्व कई मायनों में बहुत बढ़ गया है। बारहवें घर का विश्लेषण करने के लिए अतिरिक्त सावधानी की जरुरत है। क्योंकि बारहवां घर व्यक्ति की मुक्ति से जुड़ा घर है। सूर्य और बुध अगर बलवान होकर बैठे हों तो ऐसे व्यक्ति बहुत अच्छे लेखक हो सकते हैं वो फिक्शन हो सकता है साइंस फिक्शन हो सकता है। रहस्य ओर रोमांच से भरपूर कहानियां हो सकती हैं। किसी छिपे हुए गूढ़ रहस्यों को लेकर कुछ लिखना हो सकता है।


कुंडली में सूर्य और बुध बारहवें घर में - Sun and Mercury in Twelfth House अगर बलवान होकर बैठे हों तो ऐसे व्यक्ति को एकांत में रहना पसंद हो सकता है। पारलौकिक विद्याओं की तरफ रुझान हो सकता है। ऐसे व्यक्ति मानवीय मूल्यों को ज्यादा बढ़ावा देते हैं , सांसारिक सफलता के पीछे नहीं भागते। ऐसे लोग सार्वजनिक जीवन से दूरी बनाना पसंद कर सकते हैं। ऐसे व्यक्ति बड़ी से बड़ी परेशानी में भी निश्चिन्त नजर आ सकते हैं , क्योंकि अपने खिलाफ चल रहे किसी भी तरह के गुप्त षड्यंत्र को ये लोग उजागर कर देते हैं या उजागर हो जाता है। व्यक्ति जेल अधिकारी बन सकता है किसी हॉस्पिटल में उच्च पद पर पहुंच सकता है एक अच्छा चिकित्सक बन सकता है। किसी गुप्तचर संस्था में उच्च पद पर पहुंच सकता है। ऐसे व्यक्ति किसी स्ट्रेटेजिक या गुप्त योजना बनाने में माहिर हो सकते हैं ,किसी युद्ध में नेगोसिएटर बन सकते हैं।

कुंडली के बारहवें घर में बुधादित्य योग व्यक्ति को आंतरिक अतीन्द्रिय शक्तियां दे सकता है। जिसके कारण ऐसे व्यक्ति गूढ़ से गूढ़ रहस्यों से पर्दा उठा सकते हैं। गहरे छिपे ज्ञान की परतों को हटा सकते हैं। बारहवां घर दृश्य से अदृश्य की ओर जाने का इशारा करता है। ऐसे लोग अदृश्य चीजों को जानने ओर समझने की ताकत रख सकते हैं। ऐसे लोग खोजी स्वभाव ओर विश्लेषण करने में निपुण हो सकते हैं। कुंडली में बारहवें घर से मोक्ष का भी विचार किया जाता है, इसलिए व्यक्ति अध्यात्म में बहुत आगे बढ़ सकता है। किसी धर्मस्थान की स्थापना कर सकते हैं या किसी धर्म संस्थान के प्रमुख हो सकते हैं।

कुंडली में सूर्य और बुध बारहवें घर में - Sun and Mercury in Twelfth House अगर कमजोर होकर बैठे हों तो उसके नकारात्मक परिणाम भी मिल सकते हैं। ऐसे व्यक्ति समस्याओं से भागने वाले हो सकते हैं। सोच विचार तो बहुत कर सकते हैं चीजों का विश्लेषण भी कर सकते हैं लेकिन जब धरातल पर उतरकर काम करने की बारी आती है तब ऐसे लोग वहां से पलायन कर जाते हैं। चीजों और काम को बीच में छोड़ सकते हैं।अक्सर देखा गया है कि ऐसे लोगों को अभिव्यक्ति में बहुत परेशानी होती है। ऐसे व्यक्ति सोच तो सकते हैं लेकिन अपने अंदर जो सोचा है उसको बताने में कठिनाई महसूस कर सकते हैं। ऐसे लोग भावों से सोचते हैं विचारों से नहीं इसलिए जब बताने की बारी आती है तब अपने अंदर शब्द नहीं खोज पाते। अक्सर देखा गया है कि इसका कारण उनके बचपन में छिपा हो सकता है जंहा माँ बाप ने या परिवार ने या उनके परिवेश ने उनको अभिव्यक्त नहीं होने दिया। व्यक्ति को न चाहते हुए भी सालों तक अकेला रहना पड़ सकता है उसे जेल जाना पड़ सकता है दिमागी पेशानी के कारण पागलखाने जाना पड़ सकता है। लम्बी बीमारी की वजह से अस्पताल के चक्कर लगा सकता है। ऐसे व्यक्ति चुगलखोरी करके अपना नुक्सान करा सकते हैं। उसके नेत्रों में कष्ट हो सकता है। ऐसे व्यक्ति कोई गुप्त पाप-कर्म कर सकते हैं।

बुधादित्य योग के सकारात्मक परिणाम तभी मिलते हैं जब कुंडली में दूसरे ग्रहों का साथ मिल रहा हो।बुधादित्य योग के नकारात्मक परिणाम भी तभी मिलते हैं जब कुंडली में दूसरे ग्रहों का साथ नहीं मिल रहा हो। सूर्य और बुध ग्रह से सम्बंधित मानसिक बदलावों और उपायों से इसके नेगेटिव इफेक्ट्स को कम किया जा सकता है।

अकेले बुधादित्य योग के आधार पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए , उसके लिए पूरी कुंडली का विश्लेषण जरुरी है |

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