सूर्य ग्यारहवें घर में (Sun in Eleventh House)

सूर्य ग्यारहवें घर में (Sun in Eleventh House)

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार इस भाव से आय, आय के साधन का विचार किया जाता है | जन संपर्क , धन ऐश्वर्या , बड़ा भाई बहन, शुभ समाचार का विचार भी इस घर से किया जाता है | कुंडली(Kundli) के ग्यारहवें घर(Eleventh House) में बैठे सूर्य(Sun) के कारण व्यक्ति को धन लाभ होता रहता है , आर्थिक रूप से अच्छे परिणाम देता है। जन संपर्क अच्छा होता है एवं मित्रों से भी लाभ होता है। यंहा बैठा बलवान सूर्य व्यक्ति के मन में सार्वजनिक हित की भावना भर सकता है इसलिए समाज से जुड़े हुए लोग या लोगों से संपर्क रखने वालों के लिए बहुत शुभ परिणाम देने वाले हो सकता है। ऐसे लोगों का व्यक्तित्व बहुत प्रभावशाली होता है और वो अपने हित की बजाय लोगों के हित की सोचते हैं। ऐसे लोग बहुत दूरदर्शिता से सोचने वाले होते हैं।

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) में सूर्य ग्यारहवें घर में(Sun in eleventh House) बलवान होकर बैठा हो तो व्यक्ति को बहुत अच्छी प्रबंधन क्षमता दे सकता है। यंहा का सूर्य व्यक्ति को एक पुत्र अवश्य दे सकता है। ऐसे व्यक्ति प्रशासनिक क्षेत्र में सफलता पा सकते हैं , अच्छे शिक्षक बन सकते हैं या राजनीति में सफलता पा सकते हैं। समाजसेवी के रूप में अपनी पहचान बना सकते हैं एवं समाज पर गहरी छाप छोड़ सकते हैं। किसी पब्लिक रिलेशन कंपनी में अच्छे पद पर हो सकते हैं या किसी कंपनी की स्थापना कर सकते हैं। कुंडली(Kundli) में सूर्य ग्यारहवें घर में(Sun in eleventh House) बलवान होकर बैठा हो तो ये स्थिति समृद्ध और संपन्न जीवन का संकेत देती है। सूर्य(Sun) के नकारात्मक परिणामों की बात करें तो कुंडली(Kundli) में बैठा कमजोर सूर्य(Sun) व्यक्ति को अकेला महसूस करा सकता है , धन की कमी महसूस कर सकता है या दूसरों पर आश्रित हो सकता है। मित्रों की संख्या कम होती है या उनसे विवाद बना रह सकता है। संतान की तरफ से परेशानी महसूस कर सकता है। रक्त विकार, पित विकार या सिर दर्द से परेशान रह सकता है।

कुंडली(Kundli) के ग्यारहवें घर(Eleventh House) में बैठे बलवान सूर्य(Sun) के सकारात्मक परिणाम तभी मिलते हैं जब कुंडली(Kundli) में दूसरे ग्रहों का भी साथ मिल रहा हो और नकारात्मक परिणाम भी तभी मिलते हैं जब कुंडली(Kundli) में दूसरे ग्रहों का साथ नहीं मिल रहा हो। सूर्य(Sun) के प्रकाश से ही सब प्रकाशित है | सूर्य(Sun) ग्रह(Grah) को ऊर्जा, पिता, आत्मा का कारक माना जाता है। सभी ग्रहों का राजा भी सूर्य(Sun) है। जातक की कुंडली(Kundli) में जब सूर्य(Sun) की स्थिति मजबूत होती है तो उसे बहुत से फायदे मिलते हैं। उसे अच्छी नौकरी, सम्मान और उच्च पद प्राप्त होता है। वह जन्मजात लीडर होता है । सूर्य(Sun) अग्नि तत्व, पुरुष जाती, पूर्व दिशा का स्वामी, स्वभाव से प्रचंड और दिन में बलि होता है | कुंडली(Kundli) में सूर्य(Sun) मेष राशि(Rashi) में १० अंश तक उच्च और तुला राशि(Rashi) में नीच का होता है | सूर्य(Sun) का रत्न माणिक्य होता है |

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