सूर्य तीसरे घर में (Sun in Third House)

सूर्य तीसरे घर में (Sun in Third House)

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार तीसरे भाव(Third House) से हिम्मत, वीरता ,वाणी का व्यय , नौकर-चाकर , भाई बहिन आदि का विचार किया जाता है | 3,6,11 घरों को दुश्चिक्य भाव भी कहा जाता है | इस घर से मजबूत इच्छाशक्ति का भी विचार किया जाता है और आज के सन्दर्भ में सोशल मीडिया और संचार का विचार भी इसी घर से किया जाना चाहिए। कुंडली(Kundli) के तीसरे घर(Third House) में बैठा सूर्य(Sun) सामाजिक संबंधों में एक गति देता है , व्यक्ति अपनी रचनात्मकता से लोगों में एक अलग पहचान बना सकता है। मजबूत इच्छाशक्तिवाला ऐसा व्यक्ति अपने लक्ष्य तय करने में एकदम स्पष्ट होता है।

कुंडली(Kundli) के तीसरे घर(Third House) में बैठे सूर्य(Sun) का अगर विस्तार से विश्लेषण करें तो ऐसा व्यक्ति कुशल वक्ता हो सकता है , पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना नाम कमा सकता है उसकी रिपोर्टिंग में एक उत्साह की झलक मिलेगी। अगर आज के सन्दर्भ में बात करें तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया , विज्ञापन जगत या किसी भी तरह के लेखन से भी सफलता मिल सकती है।कुंडली में सूर्य तीसरे घर(Sun in Third House) में बलवान होकर बैठा हो तो खेल-कूद के क्षेत्र में सफलता मिल सकती है । ऐसे व्यक्तियों में गजब की नेतृत्व क्षमता होती है बेहतर टीम लीडर होते हैं। यंहा से सूर्य(Sun) नवें घर पर दृष्टि डालते हैं ,और उस घर को प्रकाशित करते हैं। सूर्य(Sun) को मेष,सिंह,मीन और धनु राशियों में अच्छा माना जाता है इसके अलावा कर्क और वृश्चिक राशियों में भी सूर्य(Sun) के सकारात्मक परिणाम मिलते हैं ।

कुंडली(Kundli) में तीसरे घर(Third House) में बैठे सूर्य(Sun) के नकारात्मक परिणाम भी हो सकते है अगर दूसरे ग्रहों का साथ नहीं मिल रहा हो तो ऐसा व्यक्ति उत्साह में कमी महसूस कर सकता है बहिन भाइयों से संबंधों में खटास आ सकती है , अपनी बात कहने में या अपना पक्ष रखने में कठिनाई महसूस कर सकता है। व्यर्थ की यात्राएं कर सकता है , भाग्य में बाधाएं आ सकती हैं। जातक की कुंडली(Kundli) में जब सूर्य(Sun) की स्थिति मजबूत होती है तो उसे बहुत से फायदे मिलते हैं। उसे अच्छी नौकरी, सम्मान और उच्च पद प्राप्त होता है। वह जन्मजात लीडर होता है । सूर्य(Sun) अग्नि तत्व, पुरुष जाति, पूर्व दिशा का स्वामी, स्वभाव से प्रचंड और दिन में बलि होता है | कुंडली(Kundli) में सूर्य(Sun) मेष राशि(Rashi) में १० अंश तक उच्च और तुला राशि(Rashi) में नीच का होता है | सूर्य(Sun) का रत्न माणिक्य होता है |

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