तुला राशि (Libra zodiac sign)

तुला राशि (Libra zodiac sign)

हमारा विषय है : वैदिक ज्योतिष में तुला राशि ( Libra Zodiac Sign Vedic ) का स्वाभाव,कारक,गुण दोष जिसका यहां विवरण दिया गया गया है :वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार कुंडली(Kundli) के पहले घर में तुला(Libra) राशि(Rashi) हो या कुंडली में चन्द्रमा(Moon) तुला(Libra) राशि(Rashi) में हो तो ऐसा जातक शुक्र(Venus) ग्रह से प्रभावित होता है |राशि(Rashi) चक्र में सातवीं राशि(Zodiac Sign) तुला(Libra) राशि(Rashi) होती है जिसका स्वामी शुक्र ग्रह(Grah) होता है |

कुंडली(Kundli) में चन्द्रमा(Moon) तुला(Libra) राशि(Zodiac Sign) में होने और शुक्र(Venus) ग्रह(Grah) से प्रभावित होने के कारण ऐसे जातक खुशमिजाज और आकर्षक होते हैं| अमोद प्रमोद और कलात्मक रूचि रखने वाले ऐसे जातक अन्य राशियों के जातकों से ज़्यादा कूटनितिज्ञ और संवेदनशील होते हैं। बढ़िया और महँगी चीजों की तरफ ज्यादा झुकाव रहता है | हालांकि ऐसे जातक संवेदनशील होते हैं लेकिन इनको गरिष्ठ भोजन और शराब के सेवन से बचना चाहिए |

कुंडली(Kundli) में तुला(Libra) राशि(Zodiac Sign) और शुक्र(Venus) ग्रह(Grah) से प्रभावित होने के कारण महिलाएं काफी आकर्षक होती हैं और पुरूष काफी जोशीले होंते हैं। कलात्मक रूचि वाले ऐसे जातक कभी- कभी ऐसी योजना बनाते हैं जो हवा में महल बनाने के समान होती है, हालाँकि ये लोग प्रैक्टिकल और आदर्शवादी होते हैं |

वैदिक ज्योतिष(Vedic Astrology) के अनुसार चन्द्रमा(Moon) तुला(Libra) राशि(Zodiac Sign) में होने और शुक्र(Venus) ग्रह(Grah) से प्रभावित होने के कारण शांतिप्रिय प्रकृति के ऐसे जातक कल्पनाओं को साकार करने वाले और मीडिया , सिनेमा में सफलता प्राप्त करने वाले होते हैं | तुला को संतुलन भी कहा जा सकता है इसलिए ऐसे जातक अपने जीवन में भी संतुलन बनाने का प्रयास करते हैं चाहे वो सामाजिक सरोकार हो या प्रेम संबंधों का मामला हो ये हर जगह संतुलन बनाये रखना पसंद करते हैं|

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